Raksha Bandhan 2024 All About: सावन मास की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल यह त्योहार सोमवार, 19 अगस्त को यानी आज मनाया जा रहा है. इस बार का रक्षा बंधन इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन सावन के अंतिम सोमवार का भी खास संयोग बन रहा है. इसके अलावा इस दिन सिद्धि योग, साध्य योग, शोभन योग, श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग का अद्भुत संयोग बनने वाला है.
हालांकि, इस बार रक्षा बंधन के दिन सुबह में भद्रा का साया है इसलिए सुबह-सुबह राखी बांधना उचित और शुभ नहीं रहेगा. इस साल राखी बांधने या बंधनवाने के लिए दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से रात 9 बजकर 19 मिनट तक की अवधि शुभ है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार राखी बांधने के लिए उत्तम मुहूर्त, भद्रा काल, पूजा-विधि, मंत्र.
दृक पंचांग के अनुसार, इस बार रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने के लिए उत्तम मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से शाम 4 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. यह मुहूर्त राखी बांधने के लिए इसलिए उत्तम है क्योंकि शास्त्रों में रक्षा बंधन के लिए सबसे उपयुक्त समय अपराह्न (दोपहर) का मना गया है. इस साल अपराह्न काल में राखी बांधने के लिए 2 घंटे 33 मिनट का समय शुभ है.
यह भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2024: भाई को बांधें राशि-अनुसार राखी, जीवन होगा खुशहाल
प्रदोष काल में राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 3 मिनट से रात 9 बजकर 19 मिनट तक है. इस साल प्रदोष काल में राखी बांधने के लिए 2 घंटे 16 मिनट का समय मिलेगा.
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल रक्षा बंधन के दिन भद्रा काल सुबह 06:21 से दोपहर 01:32 बजे तक है. ऐसे में इस दौरान राखी बांधना किसी भी दृष्टिकोण से शुभ नहीं रहेगा.
रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने के लिए बहनों को सबसे पहले पूजा की थाली को तैयार करना चाहिए. जिसमें रोली, अक्षत, राखी और मिठाई रखनी चाहिए. इसके बाद भाई के माथे पर रोली या कुमकुम का टीका लगाएं. फिर, भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें. इस दौरान अपने भाई को अपनी दाईं ओर बिठाएं. राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएं. इसके बाद अपने भाई की आरती करते हुए उनके सुख-समृद्धि और खुशहाल जीवन की कामना करें.
यह भी पढ़ें: रक्षा बंधन के दिन इन 3 चीजों से लगाएं भाई के माथे पर तिलक, दिन-रात होगी तरक्की
राखी बंधवाते वक्त भाई अपने सिर को रुमाल या किसी साफ कपड़े से ढक लें. साथ ही जब राखी बांधी जाए तो उस वक्त अपनी मुट्ठी को बंद रखें.
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:
मंत्र का भावार्थ- जो रक्षासूत्र परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बांधती या बांधता हूं, जो तुम्हें हमेशा विपत्तियों से बचाएगा.’
यह भी पढ़ें: बहनों को भद्रा के दौरान क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी, वजह है बेहद खास
केंद्रीय मंत्री खट्टर ने भारत के बिजली और आवास क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए…
शारदा सिन्हा की गायकी में एक खास बात यह है कि उन्होंने लोक संगीत को…
चुनावी अभियान से वापस लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में…
लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया. उन्होंने 72 वर्ष…
दिल्ली हाईकोर्ट ने कई चेतावनी के बावजूद सुनवाई में बाधा डालने को लेकर एक वकील…
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई से राजेन्द्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी…