आस्था

Shardiya Navratri Day 4: नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कूष्मांडा की पूजा, इसलिए दी जाती है कुम्हड़े की बलि

Shardiya Navratri Day 4: शारदीय नवरात्रि में अलग-अलग दिन की जाने वाली पूजा में आज चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. कहते हैं मां कूष्मांडा की मधुर और मोहक मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना हुई थी. नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने वालों पर यदि मां की कृपा हो जाए तो समस्त प्रकार के रोग और दोषों से मुक्ति मिल जाती है. अष्ट सिद्धियां और निधियां प्राप्त करने के लिए भी लोग मां कूष्मांडा की पूजा करते हैं. ऐसे में नवरात्रि के चौथे दिन मां को प्रसन्न करने की विधि जानना बहुत जरूरी है.

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर 2023, रविवार से हो चुकी है. जो कि 23 अक्टूबर 2023, सोमवार के दिन नवमी पर खत्म होगी. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार देवी दुर्गा का के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा करने पर साधक का मानसिक विकास होता है और वह जीवन में खूब तरक्की करता है.

मां कूष्मांडा की कृपा पाने के लिए कुम्हड़े की बलि

नवरात्रि के चौथे दिन सुबह उठते हुए स्नान करने के बाद हरे रंग के कपड़े पहनें. मान्यता है कि इस दिन कुम्हड़े (कद्दू) की बलि देकर मां को चढ़ाना चाहिए. पूजा करते समय माता को मेहंदी, हरी चूड़ी और चंदन चढ़ाएं. बात करें मां को चढ़ाए जाने वाले भोग कि तो मालपुआ देवी कूष्मांडा का प्रिय भोग है. घर में लंबे वक्त से किसी के बीमार रहने पर 108 बार माता कूष्मांडा के बीज मंत्र का जाप करें. इसके अलावा देवी कवच का पाठ करने से मां समस्त विपदा हर लेती हैं. इस दिन मां की कथा सुनने से असाध्य रोग भी खत्म हो जाते हैं.

मां कूष्मांडा की पूजा में करें इन मंत्रों का जाप

कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
ॐ कूष्माण्डायै नम: सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।

मां कूष्मांडा के स्तोत्र का पूरे मन से करें मनन

मां कूष्मांडा का ध्यान करते हुए इसे पढ़ें.

वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।

सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥

भास्वर भानु निभां अनाहत स्थितां चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्।

कमण्डलु, चाप, बाण, पदमसुधाकलश, चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥

पटाम्बर परिधानां कमनीयां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।

मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥

प्रफुल्ल वदनांचारू चिबुकां कांत कपोलां तुंग कुचाम्।

कोमलांगी स्मेरमुखी श्रीकंटि निम्ननाभि नितम्बनीम्॥

इसे भी पढ़ें: Navratri 2023: नवरात्रि पर ये उपाय कर डाला तो सफलता चूमेगी आपके कदम

Rohit Rai

Recent Posts

दिल्ली हाईकोर्ट ने RSS सदस्य शांतनु सिन्हा पर दर्ज मानहानि के मामले में BJP नेता अमित मालवीय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…

8 hours ago

अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…

9 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…

9 hours ago

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

11 hours ago

जब एक हाथी को भीड़ के सामने दे दी गई थी फांसी, अमेरिका का ये काला इतिहास आपको झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

11 hours ago