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षटतिला एकादशी पर आज भूलकर भी ना करें ये 5 काम

Shattila Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी व्रत का खास महत्व है. पंचांग के अनुसार, इस साल यह व्रत 6 फरवरी, मंगलवार को यानी आज रखा जा रहा है. माघ मास के कृष्ण पक्ष की 11 वीं तिथि को पड़ने वाली एकादशी के दिन 6 प्रकार के तिल का खास महत्व है. यानी षटतिला एकादशी के दिन 6 प्रकार से तिल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में एकादशी का व्रत रखने वालों के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि षटतिला एकादशी के दिन तिल का किस प्रकार इस्तेमाल करना चाहिए.

षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व

षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi) पर तिल का छह प्रकार के इस्तेमाल किजा जाता है. इस दिन नहाने वाले पानी में तिल मिलकार स्नान करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से पाप का नाश होता है. तिल का उबटन लगाने से स्किन से जुड़े रोग दूर होते हैं. साथ ही भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. माघ, कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन तिल मिला हुआ पानी पीना चाहिए. माना जाता है कि इससे पाचन क्रिया रही रहती है. इसके अलावा धार्मिक लाभ भी प्राप्त होता है.

मान्यता के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन तिल से बनी हुई चीजों का सेवन करना शुभ है. शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है, मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करना भी अच्छा माना गया है. ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. षटतिला एकादशी के दिन तिल से हवन करना बेहद शुभ माना गया है. भगवान विष्णु प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं.

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षटतिला एकादशी 2024 कब है?

पंचांग के अनुसार, षटतिला एकादशी 6 फरवरी को यानी आज है. एकादशी तिथि की शुरुआत 5 फरवरी 2024 को शाम 5 बजकर 24 मिनट से हो चुकी है. यह तिथि 6 तारीख को शाम 4 बजकर 7 मिनट पर खत्म होगी. वहीं षटतिला एकादशी का पारण 7 फरवरी को सुबह 7 बजकर 11 मिनट से 9 बजकर 28 मिनट के बीच किया जा सकता है.

षटतिला एकादशी के दिन क्या ना करें?

  1. षटतिला एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को ना तोड़ें. मान्यतानुसार इस दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना अशुभ है.
  2. एकदशी की पूजा के लिए एक दिन पहले तुलसी को तोड़ा जा सकता है. तुलसी की पत्तियां हर स्थिति मे शुभ मानी जाती हैं.
  3. षटतिला एकादशी के दिन नॉनवेज, नशीले पदार्थ या तामसिक (लहसुन, प्याज इत्यादि) वस्तुओं का सेवन ना करें.
  4. षटतिला एकादशी के दिन किसी से भी बुरी बातें ना कहें. मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत और पूजा का शुभ फल नहीं मिलता.
  5. एकादशी के दिन भात (कच्चा चावल) का सेवन ना करें. संभव हो तो इस दिन रोटी (चपाती) का ही सेवन करें, अच्छा माना गया है.

-भारत एक्सप्रेस

Dipesh Thakur

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