Rainy Season: भारत में मॉनसून प्रवेश कर चुका है और देश के कई हिस्सों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. तो वहीं देश के कई हिस्सों से आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं. हर बार बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली गिरने की घटना में तमाम लोगों के मारे जाने की खबर सामने आती रहती है. दरअसल बारिश के मौसम में बिजली गिरने का खतरा भी बढ़ जाता है. तो वहीं कई बार सवाल ये भी उठता है कि आकाशीय बिजली गिरने के वक्त खुद को बचाया जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्लाइमेट रेजिलिएंट आब्जर्विंग सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल (सीआरओपीसी) ने भारतीय मौसम विभाग के साथ मिलकर एक मानचित्र जारी किया था और इसके जरिए आकाशीय बिजली से प्रभावित इलाकों के बारे में जानकारी दी थी. अगर इस रिपोर्ट की मानें तो भारत में मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां पर सबसे अधिक बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं तो इसके बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और बंगाल में ये घटनाएं देखी जाती हैं. इन प्रदेशों के अलावा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सामने आती हैं.
बारिश के दौरान जानकार सलाह देते हैं कि घर के अंदर ही रहना चाहिए. मौसम विभाग किसानों से खेत में जाने के लिए मना कर देता है. तो वहीं विशेषज्ञ बताते हैं कि घर के अंदर रहने के दौरान बिजली से संचालित होने वाले उपकरणों से भी दूर रहें. जानकार कहते हैं कि बिजली कड़कने के दौरान तार वाले टेलीफोन का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा घर की खिडकियां और दरवाजे भी बंद रखने चाहिए. हालांकि छत से दूर रहने की भी सलाह दी जाती है. इसी के साथ ही जो वस्तुएं बिजली के सुचालक हैं, उनसे भी दूर रहने की सलाह दी जाती है. घर में धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क में भी नहीं आना चाहिए.
विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर बारिश के दौरान घर के बाहर हैं तो पेड़ों व बिजली के खंभों से दूर रहें, क्योंकि पेड़ों को बिजली आकर्षित करते हैं. इसके अलावा ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में भी आश्रय नहीं लेना चाहिए. अगर सफर के दौरान वाहन में हैं तो फिर वाहन में ही रहें, लेकिन ये ध्यान रहे कि वाहन की छत बंद हो. बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा तार की बाड़ और मशीन आदि से दूर रहें. अगर खुली जगह पर हैं तो मैदान में दूर-दूर खड़े हो जाना चाहिए.
ये तो सभी जानते हैं कि बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली गिरना एक आम बात है. यही वजह है कि अक्सर मौसम विभाग बारिश के वक्त लोगों से घर के अंदर ही रहने की सलाद देता है. तो वहीं बादलों में बिजली चमकने व कड़ने की वजह साल 1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने बताई थी. उन्होंने जानकारी दी थी कि बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ की वजह से आवेशित हो जाते हैं. कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज हो जाता है, तो कुछ पर निगेटिव चार्ज होता है. आसमान में जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं, उस वक्त लाखों वोल्ट की बिजली पैदा होती है. उन्होंने ये भी बताया था कि कभी-कभी इस तरह उत्पन्न होने वाली बिजली इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है और इसी घटना को लोग बिजली गिरना कहते हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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