ट्रेंडिंग

तारों को भी आती है हम इंसानों की तरह छींक, जानें कब और कैसे छींकते हैं ये…?

Space News: हम सब इंसानों को छींक आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. यहां तक कि जानवरों को भी छींक आती है, लेकिन आपको ये जानकर बड़ी हैरानी होगी कि तारों को भी छींक आती है. क्या कभी आपने सुना है कि ऐसा हो सकता है? हालांकि बच्चों की कहानी की किताबों में जरूर इन बातों का जिक्र सुना था लेकिन अभ तो वैज्ञानिक भी कह रहे हैं कि हां तारों को हम इंसानों की तरह ही छींक आती है. एक शोध में इसका खुलासा हुआ है. क्यूशू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है.

कहां बनते हैं तारे?

वैज्ञानिकों के मुताबिक घने और कूल पैच इंटरस्टेलर गैस और धूल बड़े पैमाने पर बादलों के भीतर इकट्ठा होते हैं जिसे स्टेलर नर्सरी कहा जाता है. बता दें कि ब्रह्मांड में मौजूद हर तारा यहां तक की सूर्य ने भी जहां जन्म लिया, उस जगह को तारकीय नर्सरी कहते हैं और इसीको इंग्लिश में स्टेलर नर्सरी भी कहा जाता है. यह एक गैस और धूल की बड़ी सांद्रता है. इसी नर्सरी के कोर में बेबी स्टार का निर्माण होता है.

ये भी पढ़ें-डिलीवरी से पहले प्रेग्नेंट महिला ने पति के लिए बना कर रख दिया महीने भर का खाना, फिर युवक के साथ हुआ ये सब…

वैज्ञानिकों ने ये किया है अध्ययन

तारे छींकते भी हैं, इसको लेकर वैज्ञानिकों को उस वक्त मालूम हुआ जब उन्होंने MC 27 का अध्ययन किया जो कि पृथ्वी से करीब 450 प्रकाश वर्ष दूर है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जब उन्होंने इस तारे का अध्ययन किया तो उन्हें पता चला कि इस तारे के प्रोटोस्टेलर डिस्क में स्पाइक जैसी संरचनाएं थीं. वैज्ञानिकों की मानें तो ये संरचनाएं शायद चुंबकीय प्रवाह से निकलने वाले धूल और गैस के कणों की वजह से बनी थीं. इस तरह की घटना को विज्ञान की भाषा में इंटरचेंज अस्थिरता भी कहते हैं और इसी को हम सबकी भाषा यानी आम भाषा में तारों का छींकना कहते हैं. वैज्ञानिक का मानना है कि आने वाले समय में इस तरह के छीकों से उन्हें तारों के निर्माण को लेकर कई बातें मालूम हो सकती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वैज्ञानिकों ने इस तारे पर अध्ययन करने के लिए 66 हाई क्वालिटी वाले रेडियो दूरबीनों की सहायता ली.

जानें कब छींकते हैं तारे ?

वैज्ञानिकों को शोध में मिला है कि ये तारे हमेशा नहीं छींकते. वे उस वक्त छींकते हैं जब वे अपने निर्माण के दौर में होते हैं. इन तारों को आप शिशु तारे या प्रोटोस्टार कह सकते हैं. जब छींकते हैं तो इनकी छींक की वजह से धूल, गैस और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा का एक प्लम डिस्चार्ज होता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये ठीक उसी तरह लगता है जैसे तारे के चारों ओर एक चिंगारियों का फव्वारा फूट गया हो. ये काफी अद्भुत होता है.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

लैंड फॉर जॉब घोटाले पर सीबीआई और ईडी के मामलों की सुनवाई 16 और 17 जनवरी को

इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित उनके परिवार के पांच सदस्य आरोपी है. इसमें…

15 mins ago

राजयोगी ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश ‘भाईजी’ की 9वीं पुण्यतिथि कल, इंदौर में मीडिया सेमिनार का होगा आयोजन, भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय होंगे मुख्य अतिथि

राजयोगी ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश 'भाईजी' ब्रह्माकुमारीज संस्था के मीडिया प्रभाग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं इंदौर…

42 mins ago

Sunny Leone बनी ‘महतारी वंदन योजना’ की लाभार्थी! जानें, बस्तर से जुड़ी इस हैरान कर देने वाली खबर का सच

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ‘महतारी वंदन योजना’ के तहत सनी लियोनी को हर महीने…

50 mins ago

सर्दियों के मौसम में गर्भवती महिलाओं को सतर्क रहने की जरूरत

winter care for pregnant women: सर्दी में प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी की कमी हो…

1 hour ago

ICC CT 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच इस तारीख और स्थान पर होगा महामुकाबला, चैंपियंस ट्रॉफी का टेंटेटिव शेड्यूल आया सामने!

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को करनी है लेकिन BCCI ने टीम को सुरक्षा…

2 hours ago

Stock Market: शेयर बाजार हरे निशान के साथ खुला, 600 अंक उछला Sensex

बाजार का रुख सकारात्मक रहा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,223 शेयर हरे निशान में…

2 hours ago