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यह नमूना जापान के हायाबुसा-2 स्पेसक्राफ्ट द्वारा लाया गया था. यह नमूना दिसंबर 2020 में पृथ्वी पर वापस लाया गया. इसे प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष वैक्यूम रूम और प्रेशराइज्ड नाइट्रोजन से भरे कैनिस्टर्स में रखा गया.

डाटा से ये बात भी सामने आई है कि शाम का तापमान काफी गर्म 1,450 डिग्री फारेनहाइट (800 डिग्री सेल्सियस) था.

अगर सैटेलाइट हाई ऑर्बिट में है तो वैज्ञानिक उसे स्पेस में ही और आगे भेज देते हैं, ताकि वो धरती के ऑर्बिट से दूर हो जाए.

खास बात ये भी है कि इस ग्रह पर एक दिन पृथ्वी के 243 दिनों के बराबर होता है. हालांकि वर्तमान में तो यहां पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

वैज्ञानिकों को इसके बारे में तब पता चला जब उन्होंने MC 27 का अध्ययन किया.

चीन चांद के अंधेरे हिस्से से सैंपल लाने वाला पहला देश बनना चाहता है. चीन की स्पेस एजेंसी का दावा है कि उनका चैंग'ई-6 लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन में उतरा है.