Trending News: आज के वक्त में बड़ी-बड़ी दिग्गज टेक कंपनियों में काम करना हर युवा का सपना होता है. गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और टीसीएस जैसी बिग टेक कंपनियां ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की पहली पसंद रहते हैं. यही कारण है कि इंजीनियरिंग की स्ट्रीम छात्रों के बीच आज भी खूब लोकप्रिय है लेकिन सोचिए कि अगर कोई इन कंपनियों में मिली करोड़ों की नौकरी को छोड़ दे तो क्या होगा. ऐसे में फैसलों पर सवाल उठेंगे और कुछ ऐसा ही भारत के एक युवा राहुल पांडे ने किया है. उन्होंने मेटा में मिली अपनी अच्छी खासी 6.6 करोड़ रुपये की नौकरी छोड़ दी जिसकी वजह स्टार्ट अप है.
चलिए आपको राहुल की कहानी से रूबरू कराते हैं. दरअसल, राहुल 5 साल तक मेटा में जॉब करते रहे, जिस दौरान उन्होंने ये नौकरी छोड़ी उस वक्त उनकी सैलरी करीब 6.6 करोड़ रुपये थी. उन्होंने अपनी जॉब से रिलेटेड जानकारी लिंक्डइन पर शेयर की है और बताया है कि आखिर उन्होंने ऐसी नौकरी क्यों छोड़ दी है, जो कि अन्य लोगों का ड्रीम जॉब मानी जाती रही है.
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राहुल ने अपनी नौकरी को लेकर बताया है कि मेटा में उनका सफर आसान नहीं था और मैंने आसानी से कमाई नहीं शुरू की है. उन्होंने बताया कि उन्हें शुरुआती 6 महीने में फेसबुक का कल्चर सीखने में परेशानी का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि वो ऐसा फील कर रहे थे कि जैसे वो झूठी पहचान जी रहा हूं. उन्होंने बताया कि उन्होंने आखिरी में बेहतरीन काम किया था और उन्हें प्रमोशन भी मिला था.
राहुल ने कोरोना काल के बाद से ही बिजनेस के अन्य विकल्प तलाशने शुरू कर दिए थे. उन्होंने जनवरी में पिछले साल नौकरी छोड़ी थी और अपना खुद का स्टार्ट अप शुरू किया है. इसका मकसद सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को बेहतरीन करियर देने में मदद करना है. इस दौरान ही उन्होंने यह भी बताया है कि उन्होंने जॉब छोड़ने के बाद यह सीखा कि इंजीनियरिंग के अलावा कितना कुछ किया जा सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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