यूटिलिटी

Pune Porsche Crash से मचा बवाल, नशे में वाहन चलाने वाले नाबालिगों के लिए क्या कहता है भारत का कानून?

Pune Porsche Crash: 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर में रात ढाई बजे पोर्श कार चला रहे नाबालिग ने बाइक पर जा रहे एक महिला और पुरुष को टक्कर मार दी थी, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई थी. बाद में कार बेकाबू होकर एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मारते हुए रैलिंग से टकरा गई थी. कोर्ट ने मात्र 15 घंटों के भीतर आरोपी को मामूली शर्तों के साथ जमानत दे दी, जिसमें निबंध लिखने और पुलिस के साथ काम करने की बात कही गई थी.

इसी बीच घटना को लेकर सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया, तुरंत जमानत मिलने पर भाजपा और विपक्षी नेताओं के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. हालांकि, पुलिस ने अपने आदेश की समीक्षा के लिए फिर से किशोर न्याय बोर्ड (JJB) से संपर्क किया, जिसके बाद 22 मई को नाबालिग की जमानत रद्द कर दी गई. वहीं आजकल देश में ज्यादातर सड़क हादसे शराब पीकर वाहन चलाने से होते हैं. ऐसे में डाल लेते हैं भारत के कानून पर एक नजर-

भारत में शराब पीने की कानूनी उम्र क्या है?

भारत में हर राज्य में शराब पीने की कानूनी उम्र अलग-अलग है. आमतौर पर ये 18 से 25 साल के बीच है. वहीं गुजरात, बिहार, नागालैंड और मणिपुर जैसे कुछ राज्यों में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. राजस्थान, गोवा और दूसरे कई राज्यों में शराब पीने की कानूनी उम्र 18 साल है. जबकि कुछ राज्य 21 साल या उससे अधिक उम्र वालों को शराब पीने की अनुमति देते हैं.

नशे में गाड़ी चलाने को लेकर क्या कानून हैं?

मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 के अनुसार, वाहन चलाते हुए यदि किसी व्यक्ति के 100 मिलीलीटर खून में 30 मिलीग्राम शराब या नशीली दवाओं की मात्रा पाई जाती है तो उसे नशे में वाहन चलाने का दोषी पाया जाता है. पहली बार अपराध करने पर ड्राइवर को 6 महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब नहीं जाना होगा RTO ऑफिस, 1 जून से लागू होने जा रहे हैं ये नए ड्राइविंग नियम

दुर्घटना में क्षति के आधार पर अलग-अलग हैं प्रावधान

  • पहली सजा के 3 साल के भीतर के अपराधों के मामले में आरोपी को 2 साल तक की कैद और/या 15,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
  • अगर नशे में वाहन चलाने से किसी को चोट लगती है तो अपराधी को 2 साल तक की कैद और/या 5,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है.
  • अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो अपराधी को जुर्माने के साथ-साथ 2 से 7 साल तक की सजा हो सकती है.

नाबालिग द्वारा अपराध के मामले में क्या हैं प्रावधान?

  • अगर अपराधी नाबालिग है तो मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A के अनुसार, नाबालिग के अभिभावक या वाहन के मालिक को दोषी माना जाएगा और सजा दी जाएगी.
  • मालिक या अभिभावक को 3 साल तक की कैद और 25,000 रुपये जुर्माना हो सकता है. वाहन का पंजीयन भी 12 महीने के लिए रद्द किया जा सकता है.
  • नाबालिग को 25 साल का होने तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं आवंटित किया जाएगा.

नाबालिगों को लेकर और क्या हैं प्रावधान?

कानून के मुताबिक, अगर अभिभावक या मालिक यह साबित कर पाएं कि अपराध उनकी जानकारी के बिना हुआ या अपराध को रोकने के लिए उन्होंने सभी उचित कदम उठाए थे, तब ही उनको इस तरह के अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. कानून में इस बात का जिक्र है कि ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाली कोर्ट यह मान लेगी कि नाबालिग ने वाहन का इस्तेमाल अभिभावक या मालिक की सहमति से किया है.

-भारत एक्सप्रेस 

निहारिका गुप्ता

Recent Posts

Indian Railway: क्या अपने यूजर आईडी से दूसरे सरनेम वाले का टिकट बुक कराने पर हो सकती है सजा? जानें क्या कहता है IRCTC

IRCTC: ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम से सभी के लिए टिकट बुकिंग करना आसान हो गया…

49 mins ago

Om Birla: जानें ओम बिरला ने किस तरह रचा इतिहास? इन नेताओं के नाम भी दर्ज है ये उपलब्धि

Lok Sabha Speaker: नीलम संजीव रेड्डी ऐसे सांसद रहे हैं जो दो बार लोकसभा अध्यक्ष…

2 hours ago

क्या सच में जवाहर लाल नेहरू ने की थी आदिवासी लड़की से शादी? जानें, कैसे एक पल में बदल गई थी बुधनी मंझियाईन की जिंदगी

संथाल आदिवासी समाज ने बुधनी मंझियाईन का विरोध शुरू कर दिया. आदिवासी समाज ने एक…

2 hours ago

Kaaba Keys: काबा की गोल्‍डन चाबी की जिम्मेदारी सम्भालने वाले की हुई मौत, जानें कौन थे वो?

माना जाता है कि पैगंबर मुहम्‍मद ने खुद ये चाबी उस्‍मान को देते हुए कहा…

3 hours ago