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पहाड़ों पर रौनक: जितने लोग 2023 में आदि कैलाश के दर्शन के लिए पहुंचे थे, इस बार उसके एक तिहाई सिर्फ 20 दिन में आए.
जौलिंगकॉन्ग (पिथौरागढ़): तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर पर्वत न पहुंच पाने का भारतीयों को अब शायद ही मलाल होगा, क्योंकि देश में उत्तराखंड के अंदर भी कैलाश मानसरोवर जैसी ऊंची पर्वत चोटी उभरकर सामने आ गई. भक्तजनों में उसे ‘आदि कैलाश’ के नाम से पहचाना जा रहा है.
‘आदि कैलाश’ की बर्फीली चोटी पिथौरागढ़ जिले में है, जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे वहां भगवान शिव विराजे हों. लिहाजा चार धाम यात्रा की तरह आदि कैलाश यात्रा में भी तीर्थयात्रियों का पहुंचना शुरू हो गया है.
‘आदि कैलाश’ की यात्रा बहुत ही दुर्गम और कठिन होती है, क्योंकि वहां हवा में ऑक्सीजन की कम मात्रा के चलते सांस लेना मुश्किल होता है, बावजूद इसके वहां तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है. 20 दिन में 4 हजार लोग 14 हजार फीट ऊपर स्थित ‘आदि कैलाश’ पर्वत के दर्शन करने जा चुके हैं. जबकि, पिछले साल 12 हजार लोग ही पहुंचे थे.
‘आदि कैलाश’ के अलावा ‘ओम’ पर्वत को देखने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. ‘ओम’ पर्वत नाभीढांग में स्थित है, जहां दिव्य हिमाचल की बर्फीली चोटियों पर ‘ओम’ नजर आता है. SDM धारचूला मंजीत सिंह के मुताबिक, इस बार सितंबर-अक्टूबर तक 20 हजार लोग यहां पहुंच सकते हैं.
एक तीर्थयात्री ने कहा कि उत्तराखंड की चार धाम यात्रा की तरह इस बार पिथौरागढ़ जिले की ‘आदि कैलाश’ की यात्रा में भी तीर्थयात्रियों का पहुंचना दिल को सुकून दे रहा है. उसने कहा कि 14 हजार फीट ऊपर स्थित ‘आदि कैलाश’ पर्वत के दर्शन के लिए हजारों लोग पहुंच चुके हैं.
— भारत एक्सप्रेस
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