अगर आप मोबाइल, लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप में Google Chrome का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत जरूरी है, भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी इंडियन कंप्यूटर एमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए हाई-रिस्क चेतावनी जारी की है. जिसके चलते भारत में लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं. दरअसल, iPhone, iPad और MacBook में कुछ ऐसी वल्नेरेबिलिटीज पाई गई हैं, जिनका फायदा उठाकर हैकर्स आसानी से यूजर्स को टार्गेट कर सकते हैं. इन खामियों की मदद से हैकर्स रिमोटली किसी यूजर का डिवाइस एक्सेस भी कर पाएंगे. आइए जानते हैं डिटेल में-
सरकारी एजेंसी की ओर से बताया गया है कि एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में सामने आईं इन खामियों के चलते अटैकर्स को ना सिर्फ फोन का ऐक्सेस मिल सकता है, बल्कि वे पर्सनल और सेंसिटिव जानकारी भी चुरा सकते हैं. यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे अपने फोन में मौजूद ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर पर जाकर लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट कर लें. इसके अलावा अगर आपके लिए डिवाइस के लिए कोई सॉफ्टवेयर या एंड्रॉयड अपडेट उपलब्ध है तो उसे फौरन इंस्टॉल कर लें.
एजेंसी ने बताया है कि एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़ी खामियों के चलते उन स्मार्टफोन यूजर्स को नुकसान पहुंच सकता है, जिनके फोन Android 11, Android 12 या Android 13 पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा Android 12L आधारित OS पर काम करने वाले टैबलेट्स और फोल्डेबल स्मार्टफोन्स पर भी इन खामियों के चलते हैकिंग और अटैक का खतरा मंडरा रहा है. इन डिवाइसेज में अटैकर्स रिमोट कोड के जरिए सेंध लगा सकते हैं.
वेबसाइट पर दी गई जानकारी की मानें तो एंड्रॉयड फोन्स में फ्रेमवर्क, सिस्टम, गूगल प्ले सिस्टम, क्वालकॉम कंपोनेंट्स और क्वालकॉम क्लोज्ड-सोर्स कंपोनेंट्स से जुड़ी कई खामियां मौजूद हैं. इन खामियों का फायदा हैकर्स और अटैकर्स को मिल सकता है और वे टारगेट सिस्टम को अलग-अलग ढंग से नुकसान पहुंचा सकते हैं. यूजर्स से जुड़ी जानकारी चोरी करते हुए उसके बैंक अकाउंट तक सेंध लगाई जा सकती है या फिर उसे स्कैम्स का शिकार बनाया जा सकता है.
गूगल समय-समय पर अपने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट्स देता रहता है, जिससे इसमें मौजूद बग्स और खामियों को फिक्स किया जा सके. आपको हमेशा अपना फोन लेटेस्ट सॉफ्टवेयर वर्जन पर चलाना चाहिए और लेटेस्ट सॉफ्टवेयर वर्जन इंस्टॉल कर लेना चाहिए. साथ ही ऐप्स भी अपडेट रखना जरूरी है. ध्यान रहे, कभी थर्ड-पार्टी वेबसाइट्स या अन्य सोर्सेज के जरिए ऐप्स डाउनलोड ना करें. साथ ही अनजान लिंक्स पर क्लिक करने की गलती भी ना करें.
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