उत्तर प्रदेश

Gomti Book Festival 2024: लखनऊ में 17 नवंबर तक आयोजित होगा गोमती पुस्तक महोत्सव, जानें क्‍या होगा खास

Gomti Book Festival 2024: उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी (Gomti River) के किनारे ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ का आयोजन होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 9 नवंबर को प्रातः 9 बजे गोमती पुस्तक महोत्सव 2024 के तीसरे संस्करण का उ‌द्घाटन करेंगे.

भारत सरकार के नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया (NBT) की ओर से इसके लिए 8 नवंबर को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस आयोजित कराई गई. इस दौरान मंडलायुक्त रोशन जैकब ने लखनऊवासियों से ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ का हिस्सा बनने की अपील की, जो कला, साहित्य और फिल्मों का एक अनूठा संगम है. उन्होंने कहा, “सूरज, नदी, हरियाली, लखनऊ की विरासत से युक्त एक खूबसूरत स्थल गोमती रिवरफ्रंट पार्क ‘गोमती पुस्तक मेले’ को आकर्षित बना रहा है.”

अधिकारियों के मुताबिक, इस वर्ष 50 से अधिक प्रख्यात लेखक गोमती पुस्तक महोत्सव में साहित्यिक चर्चाओं का हिस्सा होंगे. लेखक-गंज में आयोजित होने वाले इन साहित्यिक कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को लेखकों, साहित्यकारों, फिल्मकारों और गायकों आदि विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात व्यक्तियों से मिलने और उनके संवाद करने का अवसर मिलेगा.

पुस्तक महोत्सव में पहली बार होगा ऐसा

इस वर्ष गोमती पुस्तक महोत्सव में पहली बार पुरस्कार प्राप्त बाल फिल्मों की स्क्रीनिंग, रचनात्मकता और कहानी कहने के उत्सव को एक नया दृश्य आयाम देगी. इस मेले को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं जिसके अंतर्गत लखनऊ विकास प्राधिकरण और अन्य संस्थाओं ने पेयजल, स्वच्छता और सुरक्षा को लेकर समुचित व्यवस्था की है. जिला प्रशासन पूरी व्यवस्था का समन्वय कर पुस्तक मेले में आने वाले पाठकों को पुस्तकों के प्रति जागरूक करने के एनबीटी, इंडिया के प्रयासों का सहभागी बन रहा है.

जिला मजिस्ट्रेट सूर्यपाल गंगवाल ने कहा, “हमारे समाज के बच्चों, किशोरों, युवाओं और बुजुर्गों सभी आयु वर्ग के लिए पुस्तकों का अहम महत्व है. पुस्तक महोत्सव के माध्यम से बच्चे खेल-खेल में सीखने की कोशिश करते हैं, युवा अपनी जिज्ञासाओं को समाधान तलाशने का प्रयास करते हैं और वरिष्ठ नागरिक अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हैं. पुस्तकें हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा होती हैं. सोशल मीडिया के इस दौर में पुस्तकें जीवन में सही मार्ग के चयन का रास्ता बताती हैं. पुस्तकें बच्चों को मोबाईल की दुनिया से दूर ले जाकर उनमें रचनात्मकता और चिंतन को विकसित करेंगी.”

उन्‍होंने कहा, “पुस्तक महोत्सव के माध्यम से हम नई पीढ़ी को पुस्तकों की ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. इस दिशा में एनबीटी की भूमिका सराहनीय है जो गोमती पुस्तक महोत्सव जैसे आयोजन के माध्यम से पठन संस्कृति के लिए प्रयासरत है. किताबों को अलमारियों से निकाल कर पाठकों के हाथों तक पहुंचाने का कार्य एनबीटी, इंडिया द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने लखनऊ की जनता को कला, साहित्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सरोबार गोमती पुस्तक महोत्सव का हिस्सा बनने का आह्वान किया.”

कला, संस्कृति और साहित्य का अनोखा संगम

एनबीटी-इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने बताया, “गोमती पुस्तक महोत्सव केवल पुस्तकों का मेला नहीं यह कला, संस्कृति और साहित्य का अनोखा संगम है जहां बच्चे ही नहीं हर आयु वर्ग के लोग यानी पूरा परिवार आकर अपने रुचि के सत्रों में प्रतिभाग कर सकता है. सुबह के सत्रों में बच्चों के लिए गतिविधियां होंगी. जहां अलग-अलग कार्यशालाएं जैसे रचनात्मक लेखन, कैलिग्राफी, कहानी वाचन आदि ऐसी विभिन्न विधाएं जिनके माध्यम से बच्चों का संपूर्ण विकास हो सके. इसके अलावा देश के अलग- अलग क्षेत्रों से प्रख्यात लेखक इस महोत्सव में चर्चाएं, विचार-विमर्श करेंगे.”

उन्‍होंने कहा कि नवोदित लेखक लेखक गंज में अपनी पुस्तक का विमोचन भी कर सकते हैं. नवोदित लेखकों के लिए भी कार्यशालाएं रखी गई हैं. युवाओं के लिए कैरियर मार्गदर्शन पर भी कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. विख्यात बाल फिल्मों को बाल फिल्म महोत्सव में देखा जा सकेगा. शाम के समय हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन युवाओं को जोश से भर देगा. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत कवि सम्मेलन, मुशायरा, लोक गायन एवं संगीत के कार्यक्रम होंगे. हर हाथ में एक पुस्तक के अभियान के तहत एनबीटी, इंडिया का यह प्रयास सभी पाठकों का इस पुस्तक महोत्सव में स्वागत करता है.

सभी का प्रवेश निःशुल्क, हर कोना किताबों से सजा

रंगमंच, कविता, नृत्य, संगीत, कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजा यह पुस्तक महोत्सव 9 से 17 नवंबर तक प्रातः 11 बजे से शाम 8 बजे तक कई माध्यमों में कहानी कहने का जश्न मनाएगा. सबसे विशेष बात यह है कि इस पुस्तक महोत्सव में सभी का प्रवेश निःशुल्क है. पाठकों के लिए गोमती रिवरफ्रंट का हर कोना किताबों से सजा मिलेगा. इस अवसर पर लखनऊ के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, आईएएस, भी उपस्थित थे.

– भारत एक्‍सप्रेस

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