Gurmeet Ram Rahim Singh: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर से जेल से बाहर आ गया है. उसे 21 दिन की फरलो दी गई है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, वह मंगलवार को करीब 6:30 बजे से सुनारिहा जेल से पुलिस सुरक्षा में बाहर निकाला. खबर सामने आ रही है कि वह अपने जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए बाहर आया है. कहा जा रहा है कि 21 दिन की फरलो मिलने के बाद राम रहीम उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बरवाना आश्रम में रहेगा और यहीं पर उसके जन्मदिन को लेकर तैयारी की जा रही है.
मालूम हो कि राम रहीम को फरलो तब मिली है जब पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति द्वारा दायर एक याचिका निपटारा कर दिया था. पिछली बार राम रहीम को जनवरी में 50 दिन की पैरोल दी गई थी. राम रहीम ने जून में हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसमें 21 दिन की फरलो के निर्देश दिए जाने की मांग की थी. गुरमीत राम रहीम, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित बरनावा आश्रम में अपना जन्मदिन मनाएगा. बता दें कि राम रहीम 11वीं बार जेल से बाहर आया है.
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गुरमीत राम रहीम, साध्वी यौन शोषण और हत्या के मामले में हरियाणा की रोहतक में सुनारिया जेल में बंद है. राम रहीम ने फरलो के लिए जेल प्रशासन को आवेदन दिया था. इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे 21 दिन की फरलो दी. गुरमीत राम रहीम को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित बरनावा आश्रम में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया है. 21 दिन फरलो की अवधि के दौरान वह अपना जन्मदिन बरनावा आश्रम में मनाएगा. मालूम हो कि नवंबर 2023 में गुरमीत राम रहीम को 21 दिनों के लिए जेल से रिहा किया गया था. पिछले साल उसे तीन बार पैरोल दी गई थी. अब तक उसे 205 दिनों के लिए पैरोल और फरलो दी जा चुकी है.
मालूम हो कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुरमीत राम रहीम को फरलो और पैरोल दिए जाने पर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. हालांकि, हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि जेल नियमों के अनुसार ही जेल प्रशासन को इसका अधिकार है और वह ही गुरमीत राम रहीम की फरलो या पैरोल पर फैसला ले सकता है.
बता दें कि जेल मैनुअल के अनुसार, एक दोषी को एक साल में 70 दिन की पैरोल मिल सकती है. राम रहीम को अगस्त 2017 में दो महिलाओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. जनवरी 2019 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने भी राम रहीम और तीन अन्य को 16 साल पहले पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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