बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मंगलवार (27 अगस्त) को मायावती को छठी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने दी.
68 वर्षीय मायावती उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. बसपा के संस्थापक कांशीराम ने दो दशक से भी पहले उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था.
पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि उन्होंने (मायावती) पार्टी समर्थकों को आश्वासन दिया कि वह बसपा आंदोलन के माध्यम से ‘महान लोगों’, विशेषकर दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों में जन्मे लोगों के मानवीय मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं.
सतीश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, ‘आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी को सर्वसम्मति से छठी बार बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. मैं अपनी और पार्टी के सभी पदाधिकारियों की ओर से माननीय बहन जी को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं.’
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सोशल साइट एक्स पर मायावती ने कहा, ‘मुझे आज एक बार फिर सर्वसम्मति से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर सभी लोगों का हार्दिक आभार तथा इसके लिए मुझे देश के कोने-कोने से बधाई देने वाले सभी लोगों का भी मैं दिल से शुक्रिया अदा करती हूं.’
उन्होंने कहा, ‘उल्लेखनीय है कि बीएसपी के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी ने 15 दिसंबर 2001 को सार्वजनिक तौर पर मुझे बीएसपी पार्टी व मूवमेंट का उत्तराधिकारी घोषित किया था और उनकी बीमारी के कारण 18 सितंबर 2003 को पहली बार मैंने बीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली.’
बसपा की केंद्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय एवं राज्य इकाइयों के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारियों तथा देश भर से चयनित पार्टी के प्रतिनिधियों की बैठक आज लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित प्रदेश कार्यालय में शुरू हुई. बैठक में सतीश चंद्र मिश्रा ने मायावती के नाम का प्रस्ताव किया.
बैठक में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की रणनीति पर भी मंथन किया गया. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विचार मंथन किया गया. बसपा ने इस बार सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
मालूम हो कि राजनीति से संन्यास लेने की अफवाहों से नाराज होकर बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बीते सोमवार को कहा था, ‘आंबेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर तथा मान्यवर कांशीराम की तरह ही मेरी जिंदगी की आखिरी सांस तक बसपा के आत्मसम्मान और स्वाभिमान मूवमेंट को समर्पित रहने का फैसला अटल है.’ उन्होंने कहा था कि उनका सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.
-भारत एक्सप्रेस
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