संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबू में पश्चिमी एशिया का सबसे बड़े मंदिर का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है. अगले साल फरवरी में मंदिर का उद्घाटन होगा. मंदिर के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. ये मंदिर अबू धाबी के ठीक बाहर बनाया जा रहा है. इसे BAPS हिंदू मंदिर के तौर पर जाना जाएगा.
BAPS मंदिर का निर्माण 700 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है. ये मंदिर अबू धाबी से करीब 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यहां पर मंदिर निर्माण का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है. जिसका काम अब अंतिम चरणों में है. माना जा रहा है कि नए साल में ये मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा. जिसका उद्घाटन पीएम मोदी की मौजूदगी में फरवरी में होगा. मंदिर को इस तरीके से बनाया जा रहा है कि अगले 1 हजार साल तक इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी.
साल 2015 में पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था. उसी दौरान वहां के राष्ट्रपति ने दुबई-अबू धाबी हाईवे पर 17 एकड़ जमीन तोहफे में दी थी. इसी जमीन पर पीएम मोदी ने 2 साल बाद मंदिर का शिलान्यास किया था. मंदिर के निर्माण से दोनों देशों के बीच रिश्तों में मजबूती आने के साथ ही आपसी सद्भाव बढ़ेगा.
अरब देश में बन रहे इस मंदिर का निर्माण BAPS संस्था करवा रही है. हिंदू संप्रदाय बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के नाम से इसे जाना जाता है. स्वामीनारायण की पूजा कृष्ण के अवतार के रूप में की जाती है. BAPS ने दुनियाभर में 1 हजार से ज्यादा मंदिरों का निर्माण करवाया है. जिसमें दिल्ली स्थित अक्षरधाम और अमेरिका के न्यू जर्सी में बने एशिया के बाहर सबसे बड़ा मंदिर शामिल है.
BAPS मंदिर वास्तुकला का एक जीवंत उदाहरण पेश करता है. इसमें वैदिक काल से प्रेरित मूर्तियों को गुलाबी बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनाया गया है. मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है. जिसमें 40 हजार क्यूबिक मीटर मार्बल और 180 हजार घनमीटर बलुआ पत्थर लगाया जा रहा है. मंदिर के निर्माण में 50,000 से अधिक लोगों ने ईंटें रखी हैं, जिनमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, एक्टर संजय दत्त और अक्षय कुमार भी शामिल हैं. मंदिर के डिजाइन में सात शिखर एकीकृत होंगे, जिनमें से हर एक संयुक्त अरब अमीरात के प्रतीक को दिखाएगा.
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मंदिर के उद्घाटन समारोह का आयोजन फरवरी में किया जाएगा. जिसमें पीएम मोदी से लेकर अबू धाबी के शेख और संयुक्त अरब अमीरात के तमाम प्रमुख नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. कार्यक्रम की शुरुआत 10 फरवरी से होगी. जिसे फेस्टिवल ऑफ हार्मनी नाम दिया गया है. जिसमें भारतीय समुदाय के लोग हिस्सा लेंगे. इसके बाद 15 फरवरी को मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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