नोबेल पीस प्राइज 2022 अवार्ड का ऐलान आज हो गया है. इस साल का शांति पुरुस्कार जेल में बंद बेलारूस के अधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की रूसी समूह मेमोरियल और यूक्रेनियन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को दिया गया है. वहीं एक समय इस रेस में आगे चल रहे फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा , मोहम्मद जुबैर और भारतीय लेखक हर्ष मंदर दौड़ से बाहर हो चुके हैं.
नोबेल शांति पुरुस्कार 2022 की दौड़ में मोहम्मद जुबैर काफी आगे चल रहे थे. संभावना जताई जा रही थी कि उन्हें इस बार का नोबेल पुरुस्कार मिल सकता है. लेकिन शुक्रवार को नोबेल पीस अवार्ड की रेस से जुबैर बाहर हो गए. अवार्ड के ऐलान के बाद जुबैर को खाली हाथ रहने पर उनका खूब मजाक उड़ाया जा रहा है. सोशल मीडिया में उनके ऊपर मीम्स बनना शुरु हो गए हैं.
फ्रेंच की मशहूर लेखिका ऐनी अर्नो को इस साल साहित्य के क्षेत्र में नोबेल सम्मान देने का ऐलान किया गया है. ऐनी एक बेहतरीन लेखिका होने के अलावा प्रोफ़ेसर भी हैं. 82 वर्षीय लेखिका ने अपना ज्यातातर साहित्य समाजशास्त्र पर लिखा है. नोबेल अवार्ड 2022 में उन्हें यह सम्मान साहित्य में अपने विशाल योगदान और बेहतरीन साहस के लिए मिला है.
शुक्रवार को नोबेल शांति 2022 पुरस्कार का ऐलान नार्वे नोबेल कमेटी के प्रमुख बेरिट रीज एंडर्सन ने ओस्लो में किया. नोबेल शांति पुरस्कार पिछले साल 2 पत्रकारों को दिया गया था. इन जर्नलिस्ट में रूस के दिमित्री मुरातोव और फिलीपीन्स के मारिया रेसा शामिल थे.
-भारत एक्सप्रेस
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