Canada News: भारत से तनाव की खबरों के बीच कनाडा के रोजगार मंत्री रैंडी बोइसोनॉल्ट ने इस्तीफा दिया है. कनाडियन पीएम जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय की ओर से बोइसोनॉल्ट के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने की पुष्टि की गई.
पीएम जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि बोइसोनॉल्ट प्रधानमंत्री से इस बात पर सहमत हैं कि उन्हें तत्काल प्रभाव से कैबिनेट से हट जाना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि बोइसोनॉल्ट ने अपनी बिजनेस डीलिंग और मूल निवासी वंश के अपने बदलते दावों को लेकर कई हफ्तों तक चली जांच के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है.
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, “अब बोइसोनॉल्ट अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को साफ करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे.” उनके बाद अब बुजुर्ग मामलों की मंत्री गिनेट पेटिटपस टेलर बोइसोनॉल्ट की जिम्मेदारियां संभालेंगी.
ये है वो मामला, जिसके कारण देना पड़ा इस्तीफा
बोइसोनॉल्ट के स्वदेशी पहचान के दावे नवंबर की शुरुआत में न्यूज आउटलेट नेशनल पोस्ट द्वारा की गई जांच का विषय थे. इसमें पता चला कि उनके सह-स्वामित्व वाली एक कंपनी ने फेडरल कॉन्ट्रैक्ट के समय खुद को ‘स्वदेशी-स्वामित्व’ वाली कंपनी ने किया.
इस खुलासे के बाद बोइसोनॉल्ट ने अपने पूर्व व्यापारिक साझेदार को इसके लिए दोषी ठहराया और इन दावों के बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अल्बर्टा के सांसद ने कभी भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा कि वे स्वदेशी हैं, लेकिन अक्सर खुद को ‘नॉन स्टेट्स एडॉप्टेड क्री” के रूप में वर्णित किया. उन्होंने अक्सर अपनी परदादी के बारे में भी कहा कि वे ‘एक पूर्ण-रक्त वाली’ क्री महिला थीं.
हालांकि 2018 में, बोइसोनॉल्ट ने एक संसदीय समिति को बताया कि एक बच्चे के रूप में, उनकी परदादी ने उनसे कहा था: “हम इस भूमि से आए हैं, रैंडी, और किसी दिन हम इस भूमि पर वापस जाएंगे, और भविष्य में यह भूमि सभी के लिए साझा की जाएगी.”
नेशनल पोस्ट ने ऐसे उदाहरण भी पाए जहां बोइसोनॉल्ट ने क्री में कुछ शब्द बोले थे.
पिछले हफ्ते, बोइसोनॉल्ट ने अपनी विरासत के बारे में ‘उतना स्पष्ट नहीं होने’ के लिए माफी मांगी. इसके तुरंत बाद, उनके कार्यालय ने स्वीकार किया कि उनकी दत्तक परदादी का वंश मेटिस था, और वह क्री नहीं थीं.
मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि बोइसोनॉल्ट की ‘अपने परिवार की विरासत के बारे में समझ गलत थी.’
इस खुलासे के बाद कंजर्वेटिव और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टियों के सांसदों ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की और राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया.
इसके अलावा, बोइसोनॉल्ट इस विवाद में भी उलझे हुए हैं कि कैबिनेट सदस्य होते हुए भी क्या वह पीपीई कंपनी ग्लोबल हेल्थ इंपोर्ट्स के दैनिक कामकाज में अनुचित रूप से शामिल थे या नहीं.
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– भारत एक्सप्रेस
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