भारतीय उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने शांगरी ला संवाद में दक्षिण चीन सागर में चीनी गतिविधि के बारे में एक अप्रत्यक्ष संदेश भेजा. उन्होंने कहा कि भारत ने सिंगापुर में शांगरी ला डायलॉग में अपने संबोधन में दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन की गतिविधि पर अपना रुख दोहराया. अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, डिप्टी एनएसए विक्रम मिश्री ने कहा कि समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) जैसे “मूलभूत सिद्धांतों और शासन” के लिए सम्मान ” वैश्विक व्यवस्था की विश्वसनीयता के लिए आवश्यक है.” और उल्लंघन इन संगठनों में सदस्य-राष्ट्रों के भरोसे को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मिश्री ने कानून का पालन करने, नियमों का पालन करने और यूएनसीएलओएस सहित नियमों का सम्मान करने और यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा उपायों से परहेज करने की आवश्यकता पर बल दिया.
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विक्रम मिश्री ने कहा कि वैश्विक व्यवस्था की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए ऐसे मूलभूत सिद्धांतों और व्यवस्थाओं का सम्मान आवश्यक है. उन्होंने समझाया कि जब राष्ट्र अपने कानूनी दायित्वों की अवहेलना करते हैं या लंबे समय से चले आ रहे समझौतों का उल्लंघन करते हैं, तो भरोसे को भारी नुकसान होता है. इस दौरान बातचीत में चीनी रक्षा मंत्री भी मौजूद थे.
-भारत एक्सप्रेस
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