कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का खालिस्तान समर्थकों के प्रति प्रेम खत्म नहीं हो रहा है, यही वजह है कि भारत के साथ कनाडा के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है. ट्रूडो खालिस्तानी समर्थकों को अपने वोट बैंक के तौर पर भी देखते हैं. हाल ही में, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा सरकार ने एक नया कदम उठाया है, हालांकि इस मामले में कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं. कनाडा ने चार भारतीय नागरिकों के खिलाफ बिना प्रारंभिक सुनवाई के सीधे ट्रायल शुरू करने का ऐलान किया है.
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रॉसिक्यूशन सर्विस के अनुसार, इस फैसले का मतलब यह है कि मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट में जाएगा, और प्रारंभिक सुनवाई का चरण नहीं होगा. आमतौर पर इस प्रक्रिया में आरोपी को अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह करने और सबूतों की जांच करने का अवसर मिलता है, लेकिन इस बार बचाव पक्ष को यह अवसर नहीं मिलेगा, जिससे ट्रायल प्रक्रिया और अधिक जटिल हो सकती है.
कनाडा के क्रिमिनल कोड के तहत डायरेक्ट इंडिक्टमेंट यानी सीधे अभियोग लगाने का प्रावधान बहुत कम मामलों में लागू होता है. यह निर्णय अटॉर्नी जनरल की जिम्मेदारी होती है और सामान्यत: केवल जनहित से जुड़े मामलों में लिया जाता है, जैसे कि गवाहों की सुरक्षा या संवेदनशील मुद्दे.
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चार आरोपियों में करण बरार, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह शामिल हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित गुरुद्वारे में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और हत्या की साजिश रची. इन चारों को मई 2023 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अब तक इस मामले में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई है और सुनवाई पहले ही पांच बार टल चुकी है. अब यह मामला 11 फरवरी 2025 को सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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