Delhi: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी भागीदारी को ‘गंभीर और दीर्घकालिक’ बनाने के लिए जर्मनी ने भारत में बड़ी संख्या में सैन्य बल की तैनाती की योजना बनाई है, जैसा अब तक पहले कभी नहीं हुआ है. यहां जर्मनी के दूतावास के प्रवक्ता सेबेस्टियन फुक्स ने कहा, ”इसलिए इस वर्ष हमने हमारे भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर एक ऐसी योजना बनाई है, जो अतीत में जर्मनी के वायु सेना बल ने कभी नहीं बनाई. जर्मनी की वायु सेना भारत में जेट भेजेगी लेकिन सिर्फ अपने नहीं. हम कभी अकेले कुछ नहीं करते। हम फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन के साथ मिलकर ऐसा करेंगे.’
बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का आयोजन
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अगस्त में दक्षिण भारत में व्यापक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का आयोजन करेगा. जर्मनी इस अभ्यास के लिए लड़ाकू विमान, टैंकर और परिवहन विमानों सहित सैन्य विमानों की एक टुकड़ी भेजेगा. इसके बाद अक्टूबर में एक जर्मन नौसैनिक युद्धपोत और एक लड़ाकू सहायता जहाज गोवा पहुंचेगा. हाल के वर्षों में जर्मनी द्वारा यह भारत में दूसरी बड़ी नौसैनिक तैनाती है.
गोवा के तट पर आ रहा है गोवा के तट पर आ रहा है युद्धपोत
फुक्स ने कहा, ”हमारे पास एक गोवा के तट पर आ रहा हैहै, जो अक्टूबर में गोवा के तट पर आ रहा है। इसके अलावा एक लड़ाकू सहायता जहाज भी होगा.” उन्होंने कहा, ”यह हिंद-प्रशांत के प्रति हमारी गंभीर व दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में हमारे रुख को रेखांकित करता है.” हाल ही में बर्लिन में भारत-जर्मनी उच्च रक्षा समिति (एचडीसी) की बैठक के बाद यह घोषणा की गयी है. बर्लिन में दोनों पक्षों ने अपनी रक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की थी. जर्मन दूतावास ने बुधवार को यहां जर्मन-इंडियन ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप (जीएसडीपी) का लोगो भी लॉन्च किया था.