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India-Bangladesh Tension: भारतीय उच्चायुक्त को तलब करने के एक दिन बाद विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के शीर्ष राजदूत को बुलाया

India-Bangladesh Tension: पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद भारत में शरण लेने और ढाका में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के आने से भारत और देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है.

India-Bangladesh Tension: विदेश मंत्रालय ने सोमवार (13 जनवरी) को भारत में बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नूरल इस्लाम को नई दिल्ली और ढाका के बीच बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए तलब किया. रविवार को बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया था, क्योंकि आरोप है कि भारत 4,156 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेशी सीमा पर 5 खास जगहों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है.

इन कार्रवाइयों को सीमा गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन बताया गया. भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा स्थानीय समयानुसार दोपहर 3:00 बजे ढाका में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय पहुंचे. सरकारी बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) समाचार एजेंसी के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ उनकी बैठक लगभग 45 मिनट तक चली.

वर्मा ने कहा, ‘बांग्लादेश और भारत के बीच सीमा पर सुरक्षा के लिए बाड़ लगाने के संबंध में सहमति है. हमारे सीमा सुरक्षा बल – बीएसएफ और बीजीबी (सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) – इस संबंध में संवाद कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि इस सहमति को लागू किया जाएगा और सीमा पर अपराधों से निपटने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा.’

शेख हसीना के बाद बढ़ा तनाव

भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध ऐतिहासिक रूप से स्थिर रहे हैं, लेकिन पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद भारत में शरण लेने और ढाका में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के आने से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया है.

5 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से भारत-बांग्लादेश सीमा सुर्खियों में है, क्योंकि इसके बाद सीमा के कई स्थानों पर पूर्ववर्ती सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग के सदस्य और बांग्लादेशी नागरिक भारतीय क्षेत्रों में प्रवेश करने की कोशिश करते देखे गए हैं. अगस्त 2024 के अंत में अवामी लीग के नेता इश्फाक अली खान पन्ना का शव मेघालय में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पाया गया था. ऐसा संदेह जताया गया था कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने उनका पीछा करके उनकी हत्या कर दी थी.

-भारत एक्सप्रेस



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