India vs Pakistan in UN: संयुक्त राष्ट्र महासभा में (UNGA) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ अपना झूठा एजेंडा थोपने की कोशिश की. शहबाज ने जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए भारत पर कई आरोप लगाए. उनके आरोपों का भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने ‘राइट ऑफ रिप्लाई’ के तहत जवाब दिया है. भाविका ने पाकिस्तानी पीएम के भाषण को ‘पाखंड’ करार दिया है.
अमेरिका के न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 79वां सेशन के दौरान पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने कश्मीर का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की थी. अपने 20 मिनट के भाषण में उन्होंने आर्टिकल 370 और बुरहान वानी का भी जिक्र किया था.
शरीफ ने कहा था कि भारत अपनी सैन्य ताकत लगातार बढ़ा रहा है. उन्होंने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान, LoC पर किसी भी हमले का जवाब देगा. शहबाज बोले— भारत ने कश्मीर में 90000 सैनिक रखे हैं, जिन्होंने कश्मीरियों को दबा रखा है.
इस भाषण पर भारतीय प्रतिनिधि भाविका मंगलनंदन ने पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ को जबरदस्त तरीके से कोसा. भाविका ने शहबाज को 1971 के नरसंहार की याद दिलाते हुए कहा कि पाकिस्तान जैसे देश के लिए कहीं भी हिंसा या असहिष्णुता के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है. हैरानी वाली बात है कि जिस देश का इतिहास चुनावों में गड़बड़ी वाला है वह एक लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्प की बात करता है. भाविका बोलीं— “पाकिस्तान ने बांग्लादेश में 1971 में नरसंहार किया और अभी भी अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता है. और, हैरत की बात है कि यहां उनके नेता असहिष्णुता और फोबिया की बात कर रहे हैं.”
पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ के जवाब में दुनिया के समक्ष भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने कहा, “बदकिस्मती से आज यूएन की जनरल असेंबली में ऐसा तमाशा दिखा है. एक ऐसा देश जिसकी कमान सेना के पास है, जो आतंकवाद, अपराध और ड्रग्स की तस्करी के लिए दुनियाभर में बदनाम है, उसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने की हिम्मत की है.”
राजनयिक भाविका ने कहा, “लंबे समय से दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल अपने पड़ोसियों के खिलाफ किया है. उन्होंने हमारी संसद, हमारी आर्थिक राजधानी मुंबई, हमारे बाजार और तीर्थयात्रा के रास्तों पर हमले किए हैं. ये लिस्ट बहुत लंबी है.”
भाविका ने ये भी कहा कि पाकिस्तान की नजर हमारी जमीन पर है. इन्होंने लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में चुनावों में किया है.
बता दें कि भाविका मंगलनंदन को इसी साल संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में चुना गया है.
— भारत एक्सप्रेस
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