प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार को जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की ग्रोथ स्टोरी के साथ जुड़ने का यह सही समय है. जर्मन बिजनेस 2024 की 18वीं एशिया -प्रशांत कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए भारत की ग्रोथ स्टोरी में भाग लेने, ‘मेक इन इंडिया’ पहल और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ में शामिल होने का समय आ गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर व्यापार और मैन्युफैक्चरिंग का हब बन रहा है. देश के पास डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिमांड और डेटा जैसे मजबूत स्तम्भ हैं. जर्मनी की ओर से भी कहा गया कि भारत की स्किल्ड मैनपावर को देखते हुए हमारी ओर से प्रशिक्षित भारतीय कार्यबल के लिए वीजा की संख्या 20,000 से बढ़ाकर 90,000 कर दी गई है.
स्कोल्ज भारत की अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के तहत गुरुवार देर रात दिल्ली पहुंचे. जर्मन चांसलर ने कहा कि वह भारत के साथ रक्षा संबंधों को गहरा करना चाहते हैं और दोनों देशों की सेनाओं को करीब लाना चाहते हैं. जर्मन चांसलर शनिवार को गोवा की यात्रा करेंगे, जहां जर्मन नौसैनिक युद्धपोत ‘बाडेन-वुर्टेमबर्ग’ और लड़ाकू सहायता जहाज ‘फ्रैंकफर्ट एम मेन’ जर्मनी के इंडो-पैसिफिक तैनाती के हिस्से के रूप में एक निर्धारित बंदरगाह पर आ रहे हैं.
इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए आपसी संवेदनशीलता को समझने और सम्मान करने पर जोर दिया. गोयल ने दिल्ली में जर्मन व्यापार के एशिया-प्रशांत सम्मेलन में कहा, “अगर दोनों पक्षों की ओर से संवेदनशीलता का सम्मान किया जाता है, तो व्यापार सौदा तेजी से संपन्न हो सकता है.”
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने शुक्रवार को भारत साथ द्विपक्षीय संबंधों की सराहना की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस सिलसिले को जारी रखना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के बाद स्कोल्ज ने एक्स पर लिखा, ‘इस दुनिया में हमें दोस्तों और सहयोगियों की जरूरत है – बिल्कुल भारत और जर्मनी की तरह. प्रिय नरेंद्र मोदी जी, नई दिल्ली में स्नेहपूर्वक स्वागत के लिए दिल से धन्यवाद!’
दरअसल जर्मन चांसलर ने पीएम मोदी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी थी. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “उनसे मिलकर और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करके खुशी हुई, जो भारत-जर्मनी मैत्री को गति प्रदान करेंगे. हमारे देशों के पास विकास सहयोग का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है और हम आने वाले समय में इसे और आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं.”
दोनों नेताओं के बीच बैठक नई दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई. दोनों नेताओं ने जर्मन बिजनेस के 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके 2024) का उद्घाटन किया और उसे संबोधित किया. दोनों ने हैदराबाद हाउस में ‘नवाचार, गतिशीलता और स्थिरता से एक साथ बढ़ना’ के आदर्श वाक्य के तहत 7वें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) में भी हिस्सा लिया.
चांसलर स्कोल्ज की भारत यात्रा से ठीक पहले, जर्मन कैबिनेट ने 16 अक्टूबर को पॉलिसी डॉक्यूमेंट ‘फोक्स ऑन इंडिया’ को अपनाया. भारत-जर्मनी अगले वर्ष अपनी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मनाएंगे. बर्लिन नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाना चाहता है, जिसके लिए शुरुआती कदमों पर शुक्रवार को आईजीसी परामर्श में सहमति बनी.
जर्मन चांसलर शनिवार को गोवा की यात्रा करेंगे, जहां जर्मन नौसैनिक फ्रिगेट ‘बाडेन-वुर्टेमबर्ग’ और लड़ाकू सहायता जहाज ‘फ्रैंकफर्ट एम मेन’ जर्मनी की हिंद-प्रशांत तैनाती के हिस्से के रूप में एक निर्धारित बंदरगाह पर रुकेंगे. स्कोल्ज, इससे पहले दो बार- पिछले साल फरवरी 2023 में द्विपक्षीय राजकीय यात्रा और सितंबर 2023 में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन- में भाग लेने के लिए भारत आ चुके हैं.
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