वॉशिंगटन: अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने पृथ्वी को ऐस्टेरॉइड से बचाने के सफल परीक्षण कर लिया है. NASA का यह प्रयोग पूरे विश्वव के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है. नासा का डबल ऐस्टरॉइड रिडायरेक्शन टेस्ट(DART) स्पेसक्राफ्ट ऐस्टेरॉइड डिमोरफोस से आज भारतीय समयानुसार सुबह करीब 5:30 बजे डार्ट ऐस्टरॉइड से टकरा गया है.इस टक्कर के समय यह ऐस्टरॉइड पृथ्वी से लगभग 7 मिलियन मील की दूरी पर रहा.इस दौरान नासा के स्पेसक्राफ्ट की स्पीड 6.6 किमी प्रति सेकंड मापी गई.
नासा के मुताबिक 33 करोड़ डॉलर से बना यह स्पेसक्राफ्ट हिंद महासागर के ऊपर ऐस्टरॉइड से टकरा चुका है. नासा का कहना है कि इस मिशन के सफल होने के बाद भविष्य में धरती की ओर आ रहे खतरनाक एस्टेरॉइड यानी क्षुद्रग्रहों को रोका जा सकेगा या उनकी दिशा में भी परिवर्तन हो सकेगा.
दरअसल, अमेरकी स्पेस ऐजेंसी नासा पृथ्वी को ऐस्टरॉइड के खतरे से बचाने के लिए डार्ट मिशन चला रही है. यह टेस्ट इस बात का संकेत देगा कि क्या धरती की तरफ आ रहे किसी खतरनाक ऐस्टरॉइड की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है. नासा ने आज इस टेस्ट का सफल परीक्षण कर पूरा कर लिया है. नासा की ओर से इस तरह का यह पहला टेस्ट है. बता दें हर रोज हमारे रेफ्रिजरेटर से लेकर कार तक के छोटे-बड़े कई ऐस्टरॉइड हमारी धरती की कक्षा में प्रवेश करते हैं. इनमें से ज्यादातर वायुमंडल के घर्षण के कारण खत्म हो जाते हैं. हालांकि अभी भी अंतरिक्ष में कई सारे ऐसे ऐस्टरॉइड मौजूद हैं, जिनसे पृथ्वी को खतरा होने की संभावना जताई जाती है.इस मिशन से जुड़े तथ्यों पर नासा के वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं.
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