इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने पुष्टि की है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले में एक ‘छोड़ी गई’ सैन्य चौकी पर कब्जा कर लिया है. यह घटना देश में बढ़ते आतंकवादी हमलों और सुरक्षा चुनौतियों के बीच सामने आई है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, TTP ने बाजौर जिले में एक पूर्व सैन्य चौकी पर कब्जा कर लिया है, जिसे सुरक्षा बलों ने पहले ही खाली कर दिया था. TTP ने दावा किया है कि यह उनकी हालिया रणनीतिक कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें वे पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.
पाकिस्तान सरकार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि चौकी पहले से ही ‘अप्रयुक्त’ थी और इसे सुरक्षा कारणों से खाली कर दिया गया था. हालांकि, सुरक्षा विशेषज्ञ इस स्थिति को गंभीरता से देख रहे हैं क्योंकि यह क्षेत्र पहले से ही आतंकवादी गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जाता है.
संगठन की गतिविधियां
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान हाल के वर्षों में अधिक आक्रामक हो गया है. उसने कई क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाया है.
बाजौर जिले का महत्व
बाजौर जिला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अफगानिस्तान सीमा के पास स्थित है. यह क्षेत्र लंबे समय से आतंकवाद और चरमपंथी गतिविधियों का केंद्र रहा है.
सरकार और सेना पर बढ़ा दबाव
यह घटना पाकिस्तान सरकार और सेना के लिए एक नई चुनौती के रूप में देखी जा रही है. देश पहले से ही आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. ऐसे में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियां पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति को और खराब कर सकती हैं.
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि TTP का यह कदम उसकी रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिससे वह पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. साथ ही, यह घटना पाकिस्तान के सुरक्षा ढांचे में खामियों को भी उजागर करती है.
सरकार ने कहा है कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बल कार्रवाई कर रहे हैं. हालांकि, स्थानीय नागरिकों ने सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताई है और आतंकवाद से बचाने के लिए अधिक ठोस कदम उठाने की मांग की है.
यह घटना पाकिस्तान के भीतर बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों का संकेत है, जो न केवल देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी चुनौती बन रही हैं.
TTP का बाजौर में ‘छोड़ी गई’ सैन्य चौकी पर कब्जा पाकिस्तान की सुरक्षा नीति के लिए एक गंभीर चुनौती है. यह घटना बताती है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है. पाकिस्तान को अब न केवल अपनी सुरक्षा नीति को मजबूत करने की जरूरत है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग से आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे.
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-भारत एक्सप्रेस
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