फ्रांस में बुधवार (4 दिसंबर) को एक जमकर सियासी उथल-पुथल मची रही, जिसके चलते मिशेल बार्नियर की सरकार धराशायी हो गई. विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास कर दिया, जिसके कारण सरकार गिर गई. यह घटनाक्रम फ्रांस के लिए खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले 60 वर्षों में यह पहली बार हुआ है कि किसी सरकार को इस तरह से संसद द्वारा हटाया गया है. इस अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल 331 सांसदों ने वोट दिया, जबकि सरकार को गिराने के लिए केवल 288 वोटों की आवश्यकता थी.
मिशेल बार्नियर की सरकार महज तीन महीने ही कार्यकाल पूरा कर सकी. अब अविश्वास प्रस्ताव में हार के बाद उन्हें राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंपना होगा.
फ्रांस में जुलाई में हुए आम चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था, जिसके बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने सितंबर में अल्पमत वाली सरकार का गठन किया था, जिसमें बार्नियर को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था. 73 वर्षीय बार्नियर के नेतृत्व में सरकार चली, लेकिन हाल ही में उनके द्वारा पेश किए गए सामाजिक सुरक्षा बजट ने विवाद को जन्म दिया.
बजट में टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया था, जिसे लेकर वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों ही दलों ने विरोध किया. इन दलों ने सरकार से इन बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की, लेकिन बार्नियर सरकार ने बिना संसद में वोटिंग के ही बजट को पारित कर दिया. इस फैसले का विरोध बढ़ता गया, जिसके बाद विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आया.
-भारत एक्सप्रेस
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