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दक्षिण कोरिया: प्रधानमंत्री बनेंगे कार्यवाहक राष्ट्रपति, जानें महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद प्रेसिडेंट क्या बोले

South Korea Impeachment against President: दक्षिण कोरिया की प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस (PSS) ने शनिवार (14 दिसंबर) को कहा कि उसने प्रधानमंत्री हान डक-सू (Han Duck-soo) के लिए एक सुरक्षा दल तैनात किया है. सू जल्द ही कार्यवाहक राष्ट्रपति बनने वाले हैं. इससे पहले शनिवार दिन में नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति यून सुक-योल (Yoon Suk Yeol) के खिलाफ पिछले हफ्ते मार्शल लॉ लगाने को लेकर महाभियोग प्रस्ताव को पारित कर दिया गया.

योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अब संवैधानिक न्यायालय के पास यह फैसला लेने के लिए 180 दिन का समय है कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा.

प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस ने कहा कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करने से पहले विस्तृत सुरक्षा प्रोटोकॉल स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ समन्वय करेगा. योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हान और उनकी पत्नी को राष्ट्रपति को दी जाने वाली सुरक्षा के बराबर सिक्योरिटी मिलेगी, जबकि यून के लिए सुरक्षा व्यवस्था प्रासंगिक कानूनों के अनुसार अपरिवर्तित रहेगी.

कर्तव्यों से निलंबित

यून के कार्यालय में महाभियोग प्रस्ताव पहुंचते ही उन्हें उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया जाएगा, जबकि प्रधानमंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे. यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव 204-85 मतों से पारित हुआ. तीन सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया और 8 वोट अवैध थे. वोटिंग में सभी 300 सांसदों ने अपने वोट डाले.

यून की पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) ने कार्यवाही से कुछ समय पहले मतदान में भाग लेने का निर्णय लिया, लेकिन महाभियोग का विरोध किया. नतीजा बताता है कि 12 पीपीपी सांसदों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान करने के लिए अपनी पार्टी लाइन से अलग हटकर मतदान किया.

मतदान का बहिष्कार


प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत थी. इसमें विपक्षी गुट के पास संसद के 300 सदस्यों में से 192 सदस्य थे. बीते 7 दिसंबर को यून पर महाभियोग चलाने की पहली कोशिश नाकाम हो गई थी, क्योंकि लगभग सभी पीपीपी सांसदों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था.  मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और पांच अन्य छोटे विपक्षी दलों ने गुरुवार (12 दिसंबर) को यून के खिलाफ दूसरा महाभियोग प्रस्ताव पेश किया. इनमें उन पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ घोषित करके संविधान और अन्य कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया.

राष्ट्रपति यून निलंबित


राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा. फिलहाल यून को निलंबित कर दिया गया है, जबकि प्रधानमंत्री कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रहे हैं. अगर यून पर महाभियोग लगाया जाता है, तो दक्षिण कोरिया को उनके पद से हटने के दो महीने के भीतर राष्ट्रपति चुनाव कराना होगा. तब तक, प्रधानमंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे.

यून के खिलाफ आरोप

दूसरे प्रस्ताव में पिछले प्रस्ताव की तुलना में कुछ संशोधन किए गए. इसमें यून के खिलाफ कुछ आरोपों को हटा दिया गया, लेकिन अन्य आरोप जोड़ दिए गए, जिनमें यह आरोप भी शामिल था कि उन्होंने मॉर्शल लॉ लागू होने के दौरान सांसदों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.

2016 में भी लाया गया था महाभियोग

राष्ट्रपति के खिलाफ आखिरी महाभियोग 2016 में हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे को उनकी सीट से हटा दिया गया था. पार्क के लिए नेशनल असेंबली के अनुरोध को मंजूरी देने में न्यायलय को 91 दिन लगे थे. दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति रोह मू-ह्यून के मामले में न्यायालय ने 63 दिनों के विचार-विमर्श के बाद 2004 में संसद के महाभियोग के अनुरोध को खारिज कर दिया था.

बता दें राष्ट्रपति यून ने बीते 3 दिसंबर की रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की थी, लेकिन अगले दिन को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया. मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा. हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया.

महाभियोग पर राष्ट्रपति ने क्या कहा


संसद द्वारा उन्हें पद से हटाने के लिए मतदान करने के कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति यून सुक-योल ने शनिवार को कहा कि वह ‘अपने पद से हट जाएंगे.’ हालांकि, यून ने हार न मानने की कसम खाई और कहा कि वह अंतिम क्षण तक देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे. समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, उन्होंने टेलीविजन पर दिए गए संबोधन में कहा, ‘हालांकि अब मुझे कुछ समय के लिए पद से हटना होगा, लेकिन भविष्य की ओर यात्रा… कभी नहीं रुकनी चाहिए.’

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस

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