क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान कहां मौजूद है? यह जगह न केवल अपनी विशालता के लिए जानी जाती है, बल्कि इसकी हर कब्र एक कहानी बयां करती है. यह कब्रिस्तान इराक के नजफ शहर में स्थित है और अपने धार्मिक महत्त्व के कारण दुनिया भर में विशेष स्थान रखता है. इसे वादी-ए-सलाम कहा जाता है, जिसका मतलब है “शांति की घाटी”. आइए जानते हैं, इस अद्भुत कब्रिस्तान से जुड़ी कुछ खास बातें.
वादी-ए-सलाम का इतिहास बेहद पुराना है. यह कब्रिस्तान इस्लामिक काल से पहले का माना जाता है. कहा जाता है कि यहां पैगंबर नूह और हजरत अली के अनुयायियों की भी कब्रें हैं. शिया मुसलमानों के लिए नजफ का यह क्षेत्र खास धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि यहीं हजरत अली की दरगाह भी स्थित है.
इस कब्रिस्तान में अब तक 50 लाख से ज्यादा लोगों को दफन किया जा चुका है. यहां केवल इराक के ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य देशों के मुसलमानों को भी दफनाया गया है.
यूनेस्को के अनुसार, अल-हीरा के राजा और अल-ससानी युग (637-226) के नेता इस कब्रिस्तान में दफन हैं. इसके अलावा, हमदानिया, फातिमिया, अल-बुयाहिया, सफाविया, काजार और जलैरीयाह राजवंशों के सुलतान और राजकुमार भी यहां दफन किए गए थे.
यहां हजरत अली इब्न अबी तालिब का मजार भी स्थित है.
यह कब्रिस्तान लगभग 1,485.5 एकड़ (6.01 वर्ग किलोमीटर) के क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां अनगिनत कब्रें हैं, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े कब्रिस्तानों में सबसे ऊपर रखती हैं. इस कब्रिस्तान में आज भी दफनाने का कार्य चल रहा है. वादी-ए-सलाम की देखरेख स्थानीय प्रशासन करता है.
वादी-ए-सलाम सिर्फ एक कब्रिस्तान नहीं है. यह धार्मिक आस्था और पवित्रता का प्रतीक है. यहां आने वाले हर व्यक्ति को इस जगह की शांति और पवित्रता का अहसास होता है. यह कब्रिस्तान न केवल अपनी विशालता के लिए जाना जाता है, बल्कि यह इस्लामिक इतिहास और परंपराओं का भी साक्षी है.
-भारत एक्सप्रेस
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