फिलिस्तीन समर्थक आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ गया है. जिसमें अब तक हजारों लोगों की मौत हो गई है. हमास की तरफ से किए गए इजरायल पर हमले के जवाब में इजरायली सेना गाजा पट्टी पर कहर बनकर टूट रही है. आतंकियों के तमाम ठिकानों को इजरायल ने ध्वस्त कर दिया है. इजरायली पीएम बेंजमिन नेतन्याहू ने इस हमले के बाद युद्ध की घोषणा की थी. उन्होंने सख्त लहजे में हमास को चेतावनी देते हुए कहा था कि हमास को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्हें मिट्टी में मिला देंगे. ऐसी कार्रवाई करेंगे, जिसे हमास ने कभी नहीं सोचा होगा. अब बताते हैं कि फिलिस्तीन और इजरायल के बीच क्यों शुरू हुआ विवाद? इसके पीछे क्या कारण हैं और इस युद्ध का भारत पर क्या असर पड़ेगा?
दरअसल, साल 2020 में चार अरब देशों ने इजरायल के साथ शांति संधि कर अरब जगत में शांति बहाली की कोशिशें की थीं, लेकिन अब इन उम्मीदों पर हमास और इजरायल के बीच शुरू हुए युद्ध का काफी गहरा प्रभाव पड़ रहा है. जिससे ये उम्मीदें टूटने लगी हैं.
तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशों के बाद संयुक्त अरब अमीरात, सूडान, मोरक्को और बहरीन ने सितंबर, 2020 में इजरायल के साथ अब्राहम एकॉर्ड शांति संधि पर हस्ताक्षर किए थे. ये शांति समझौता 1994 में जॉर्डन-इजरायल शांति संधि के बाद सबसे बड़ा समझौता था, लेकिन 2021 में अप्रैल महीने में इजरायल के येरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद में यहूदी और अरब समुदायों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई और देखते-देखते इसने युद्ध का रूप ले लिया.
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7 अक्टूबर को फिलिस्तीन के कब्जे वाले इलाके से आतंकी संगठन हमास ने इजरायली सैनिकों पर रॉकेट से हमला कर दिया. जिसमें 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई को अगवा कर लिया गया. हमास ने इस हमले को लेकर कहा कि ये इजरायल की तरफ से साल 2021 में अल-अक्सा मस्जिद में किए गए हमले का जवाब है. बेंजमिन नेतन्याहू ने इसी साल देश की न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति और जजों के फैसले बदलने संबंधी कानून का प्रस्ताव दिया था, जिसको लेकर उन्हें कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने अपने रक्षा मंत्री को भी पद से हटा दिया था. कहा जा रहा है कि इससे सैन्य कर्मियों का मनोबल भी कम हो गया.
भारत ने साल 1992 में इजरायल के तेल अवीव में अपना दूतावास खोला था. जिसके बाद से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच संबंध काफी अच्छे रहे हैं. भारत अरब देशों से भी बड़ा व्यापार करता है. इसके अलावा उनके साथ भी रिश्ते ठीक चल रहे हैं.अब ऐसे में अरब देशों और इजरायल के बीच पनपे विवाद के चलते अगले कुछ महीनों में तेल के दामों में उछाल आ सकता है. जिससे भारत पर भी बुरा असर पड़ सकता है.
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