अजब-गजब

अजीब बीमारी होने की वजह से शख्स परेशान, कहा- ‘बचपन से डराती हैं मेरी उंगलियां’, हैरान हुए डॉक्टर

आजकल दुनियाभर में ऐसी अजीब बीमारियां आ गई है, जिसका इलाज संभव ही नहीं हैं.यहां तक ऐसी बीमारी देखकर कई बार बड़े-बड़े डॉक्टर्स हैरान रह जाते हैं. हाल ही में एक ऐसे ही अज्ञात रोगी के बारे में एक केस आया है. इस शख्स की अजीब समस्या थी. उसका कहना था कि उसने उल्टे हाथ की दो उंगलियां उसे डराती  हैं.उसे बचपन से लगता है कि वह उसके शरीर का हिस्सा नहीं हैं. वह इन उंगलियों से पीछा छुड़ाना चाहता है. आप भी जानकार चौक गए न? आइए जानते है इस अजीबो-गरीब बीमारी के बारे में थोड़ा विस्तार से-

जानें इस बीमारी का लक्षण

दरअसल, क्यूबेक शहर का रहने वाला एक शख्स डॉक्टर के पास पहुंचा और उनसे अपने बाएं हाथ की चौथी और पांचवीं उंगली को परमानेंट निकाल देने के लिए कहा, क्योंकि उसे लगा कि वो उंगलियां उसके शरीर में हैं ही नहीं. ऑडिटी सेंट्रल नामक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, लावल यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सा विभाग की डॉ. नादिया नादेउ ने हाल ही में एक अज्ञात मरीज के बारे में एक केस रिपोर्ट पब्लिश की है, जिसमें उन्होंने बताया है कि वो मरीज बचपन से ही दर्दनाक विचारों का अनुभव कर रहा था. उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसके बाएं हाथ की आखिरी दो उंगलियां उसके शरीर में नहीं थीं.

परिवार को भी नहीं थी जानकारी

डॉक्टर ने बताया कि मरीज ये सोच-सोचकर पागल हुआ जा रहा था कि उसकी दोनों उंगलियां सड़ रही हैं या जल रही हैं. सबसे अजीब बात ये थी कि उसने शर्मिंदगी की वजह से अपनी इस गंभीर समस्या के बारे में अपने परिवार को भी नहीं बताया था, लेकिन वो हमेशा ही ये सोचता रहता था कि वो खुद ही अपनी उन उंगलियों को हटा देगा.

ये थेरेपी भी फेल

डॉक्टर ने कहा- चूंकि उस व्यक्ति के मस्तिष्क की इमेजिंग सामान्य दिख रही थी, इसलिए उसे cognitive behavioral therapy, antidepressants, antipsychotics, और exposure therapy जैसे गैर-आक्रामक ट्रीटमेंट ऑप्शन दिए गए, लेकिन उनमें से कोई भी सफल साबित नहीं हुआ. साइकेट्रिक इवैलुएशन के बाद, रोगी आर्थोपेडिक विभाग में भेजा गया. अंततः यह फैसला लिया गया कि मरीज की मदद करने के लिए उसकी दोनों अंगुलियों को हटाना सबसे अच्छा तरीका था.

जानें क्या है Body integrity identity disorder?

बता दें कि Body integrity identity disorder (BIID) एक अत्यंत दुर्लभ स्थिति है जो विकलांगता प्राप्त करने की तीव्र और लगातार इच्छा की विशेषता है. एक दशक से भी अधिक समय पहले, एक स्वस्थ महिला के बारे में ऐसी ही खबर आई थी जो कमर से नीचे के हिस्से के पैरालाइज होने का सपना देखती थी और एक लकवाग्रस्त व्यक्ति की तरह जीवन जीती थी, व्हीलचेयर में घूमती थी और घुटनों पर लंबे मेटल ब्रेसिज़ पहनती थी.

निहारिका गुप्ता

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