Virendra Sachdeva: निगम चुनाव परिणामों के बाद दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पद ग्रहण करने के बाद भारत एक्सप्रेस को दिए गए अपने पहले साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि संगठन निर्णय के साथ आगे बढ़ेगा. 2024 में भाजपा लोकसभा में हैट्रिक तो लगाएगी ही 2025 में दिल्ली में भी कमल खिलेगा.
भारतीय जनता पार्टी पद नहीं दायित्व में विश्वास रखती है. जिसको जितनी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी मिलती है, उसका दायित्व उतना ही ज़्यादा बढ़ जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व इसका ज्वलंत साक्षी है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के बाद भारत के प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद वह कितना कठिन परिश्रम कर रहे हैं. आज समूचा विश्व इस तथ्य को स्वीकार कर रहा है कि भारत निरंतर तीव्र गति से विकास की और अग्रसर है.
दिल्ली भाजपा के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) कहते हैं कि भाजपा में परिवारवाद और अनपेक्षित अनुशंसा को महत्व नहीं दिया जाता. कार्यकर्ता के परिश्रम और निष्ठा को सदैव सर्वोपरि माना जाता है. भाजपा में किसी भी अहम जिम्मेदारी संभालने वाले कार्यकर्ता का इतिहास देख सकते हैं. सभी लोग साधारण पृष्ठभूमि वाले हैं और अपने परिश्रम और नेतृत्व की निष्पक्षता के कारण आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं. यही वजह है कि हम विश्व में सशक्त विचारधारा और समर्पित कार्यकर्ताओं वाला सबसे मजबूत संगठन हैं. जहां कार्यकर्ता सदैव सर्वोपरि है.
सचदेवा दावा करते हैं कि 2024 में भाजपा दिल्ली में निश्चित रुप से हैट्रिक लगाएगी. क्योंकि दिल्ली की जनता जानती है कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी, विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं के आधार पर उनका समर्थन मांगते हैं. जिनका लाभ सभी को बिना पक्षपात मिलता है. क्योंकि हम झूठे आरोपों और ख़्वाबों की दुनिया दिखाकर नहीं बल्कि ज़मीनी हक़ीक़त के साथ कार्य करने में विश्वास रखते हैं. दिल्ली में हम सामूहिक नेतृत्व की विचारधारा के साथ कार्य करेंगे. जहां पद केवल जवाबदेही का आधार होगा, निर्णय और कार्य सभी को साथ लेकर ही किए जाएंगे.
देश की राजनीति में हलचल मचाने वाले अरविंद केजरीवाल के बारे में सचदेवा कहते हैं कि उन्हें हम चुनौती नहीं मानते. केजरीवाल सपनों की दुनिया दिखाकर सत्ता में आए हैं. वह दिल्ली में हर मोर्चे पर असफल साबित हुए. लेकिन उसकी ज़िम्मेदारी लेने के बजाए अपनी विफलता का ठीकरा कभी केन्द्र पर तो कभी उप राज्यपाल पर फोड़ने लगते हैं. यमुना नदी में जल बोर्ड के नकारापन से निरंतर बढ़ रहा प्रदूषण, खस्ता हाल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, दिल्ली की सड़कों की दुर्दशा, गैस चैंबर में बदली दिल्ली में बीमार हो रहे पौने दो करोड़ नागरिक, श्वास संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहा मासूम बचपन, उनकी निराशाजनक कार्यशैली का ज्वलंत प्रमाण हैं.
सचदेवा (Virendra Sachdeva) कहते हैं कि ‘आप’ का पंजाब मॉडल केजरीवाल की हक़ीक़त का सबसे बड़ा प्रमाण है. जिस तरह वहीं सरेआम लोगों की हत्या की जा रही है, नशे का कारोबार नौजवानों को मौत की गिरफ़्त में ले रहा है, आतंकवाद और अलगाववाद फिर से पंजाब में पैर पसार रहा है, यह सब आम आदमी पार्टी की विफलता का ही तो प्रमाण है. जिन किसानों को गुमराह कर वह अपना राजनीतिक उल्लू सीधा कर रहे थे, आज उनकी पुलिस उन्हीं आंदोलनकारी किसानों पर लाठियां भंजवा रही है. कहते है काठ की हांड़ी बार-बार नहीं चढ़ती। लोग अब उनकी हक़ीक़त समझने लगे हैं.
निगम चुनाव में ‘आप’ की जीत हमारी विफलता का परिचायक नहीं है. 1993 से आज तक हम 36 फीसदी से ज्यादा वोट लेते आए हैं. आप नतीजों पर ग़ौर करेंगे तो इस बार हमारे मत प्रतिशत में तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि ‘आप’ का मत प्रतिशत करीब 12 फ़ीसदी कम हुआ है. उनकी जीत जनता को दिखाए गए उस सब्ज़बाग़ के आधार पर हुई है, जो पंजाब में धरातल पर नज़र आने लगा है.
खुद को नई राजनीति का वाहक और कट्टर ईमानदार बताने के अरविंद केजरीवाल के दावों पर सचदेवा कहते हैं कि, क्या केजरीवाल बता सकते हैं कि उनके स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को अदालत ज़मानत क्यों नहीं दे रही है? क्यों भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उनके मंत्रियों मनीष सिसोदिया और कैलाश गहलोत के निर्वाचन क्षेत्रों में जनता ने उन्हें हकीकत से रूबरू करा दिया है. क्यों भड़काऊ भाषा बोलने वाले अमानतुल्लाह खान पांच में से चार सीटें गंवा बैठे? क्यों निराधार आरोप जड़ने में माहिर ‘आप’ प्रवक्ता आतिशी अपने क्षेत्र में एक भी निगम सीट नहीं जीत पाई? क्यों उनकी दूर की रिश्तेदार और दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालामाल के ख़िलाफ़ अदालत ने फ़र्ज़ी तरीक़े से चहेतों की भर्तियां करने का मुक़दमा चलाने की अनुमति दी है?
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हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और यहां जनादेश सर्वोपरि होता है. हम जनता के प्रति अपने दायित्व को समझते हैं. नगर निगम में हम मजबूत विपक्ष के तौर पर अपनी ज़िम्मेदारी को निभाएंगे. छह महीने में दिल्ली खुद देखेगी कि ‘आप’ के नेता नगर निगम में अपने नकारापन का दोष केन्द्र सरकार और उप-राज्यपाल पर मढ़ते नज़र आएंगे. आप देखना भाजपा 2025 के चुनाव में दिल्ली विधानसभा में भी कमल खिलाएगी.
-भारत एक्सप्रेस
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