विश्लेषण

फूलपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की दावेदारी बढ़ा सकती है I.N.D.I.A गठबंधन की टेंशन!

Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं और ऐसे में आगामी आम चुनाव को लेकर यूपी में कुछ ज्यादा ही गहमागहमी देखने को मिल रही है. प्रदेश की फूलपुर सीट (Phoolpur Lok Sabha Seat) से बिहार के सीएम नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चाएं पिछले कई महीनों से चल रही हैं. कुर्मी बहुल की इस सीट पर जदयू की नजरें पहले से हैं क्योंकि यहां पर सीधे तौर पर नतीजों को प्रभावित करने की भूमिका में होते हैं. लेकिन अब फूलपुर सीट को लेकर भी ‘इंडिया’ गठबंधन में तनातनी नजर आने लगी है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग बढ़ा सकती है टेंशन!

कुछ कांग्रेस नेताओं ने अब प्रियंका गांधी वाड्रा को फूलपुर (Phoolpur Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ने की मांग करने लगे हैं. इसको लेकर स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने पोस्टर भी लगा दिए हैं. ‘उम्मीद की आंधी, प्रियंका गांधी’, के स्लोगन वाले पोस्टर लगाकर स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने फूलपुर सीट पर अपना दावा ठोक दिया है. अल्पसंख्यक कांग्रेस के नगर अध्यक्ष अरशद अली और पिछड़ा वर्ग के महानगर अध्यक्ष मोहम्मद हसीन के इस पोस्टर के बाद अब चर्चाओं का बाजार गर्म है.

प्रियंका गांधी के रायबरेली से भी चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जाती रही हैं. लेकिन ‘इंडिया’ अलायंस के अस्तित्व में आने के बाद जिस तरह जदयू ने फूलपुर में अपनी सक्रियता बढ़ाई है और नीतीश कुमार के यहां से चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हुई हैं, इन सबके बीच प्रियंका गांधी के फूलपुर से चुनाव लड़ने की मांग यूपी में विपक्षी गठबंधन के बीच खींचतान की बड़ी वजह बन सकती हैं.

सीटों को लेकर सपा ने भी दिखाए तेवर

यूपी में सीटों के बंटवारे पर पहले ही समाजवादी पार्टी ने संकेत दे दिए हैं कि प्रदेश में गठबंधन का झंडा लेकर वही चलेगी. अखिलेश यादव ने हाल ही में कहा था कि सपा गठबंधन में सीट मांग नहीं रही, बल्कि सीट दे रही है. सपा प्रमुख ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी पहले ही बहुत त्याग कर चुकी है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के लिए सीटों का मसला सुलझाना बड़ी चुनौती होगी.

एक तीर से कई निशाने लगाना चाहती है JDU

बात फूलपुर की करें तो यह सीट जदयू के ‘मास्टर प्लान’ का हिस्सा बताई जाती रही है और कुर्मी मतदाताओं की संख्या देखते हुए नीतीश कुमार की पार्टी बेहद उत्साहित नजर आती है. दरअसल, फूलपुर के बहाने जदयू एक तीर से कई शिकार करना चाहती है. जदयू को ये बात अच्छे से पता है कि नीतीश कुमार को अगर दिल्ली की कुर्सी पर बैठाना है तो उनको बिहार से बाहर निकलना होगा और किसी दूसरे राज्य की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना होगा. ऐसे में नीतीश के लिए उत्तर प्रदेश की फूलपुर सीट से मुफीद जगह और कहां मिलेगी.

ये भी पढ़ें: इनेलो के कार्यक्रम से दूरी, दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह में पहुंचे नीतीश, क्या बिहार में होगा ‘खेला’?

यहां कुर्मी (पटेल) की संख्या जदयू के दावे को मजबूत करती है तो साथ में यहां के पिछले समीकरण भी इस बात का इशारा करते हैं कि कुर्मी वोटर्स ने अगर नीतीश कुमार का साथ दिया तो तस्वीर बहुत बदल जाएगी. नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने में बड़ी भूमिका निभाई है और जदयू की तरफ से अक्सर उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की मांग उठती रही है. हालांकि, नीतीश कुमार खुद इस दावेदारी से पल्ला झाड़ते रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

कमल तिवारी

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