विश्लेषण

दर्शन हीरानंदानी के विस्फोटक कबूलनामे, महुआ मोइत्रा का जवाब… कहां जा पहुंचा ‘कैश फॉर क्वेरी’ विवाद?

Cash for Query Scam:  रियल एस्टेट अरबपति निरंजन हीरानंदानी के बेटे दर्शन हीरानंदानी, तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा से जुड़े “कैश फॉर क्वेरी” विवाद में सरकारी गवाह बन गए हैं. यह मामला संसद के एथिक्स कमेटी के पास है. एथिक्स कमेटी इस मामले में सबूतों की जांच करेगी. उनका कहना है कि ये सच में गंभीर मामला है. दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर आरोप लगाए थे कि वो संसद में प्रश्न पूछने के बदले पैसा लेती हैं.

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के हस्ताक्षरित हलफनामे का जवाब दिया है, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के संसद में प्रश्न पूछने के लिए पैसे और उपहार प्राप्त करने के दावों की पुष्टि की गई है. हलफनामे में हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से अपनी दोस्ती की बात कही है. बिजनेस टाइकून ने कहा कि उन्होंने खुद अडानी ग्रुप पर सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद के लॉगिन क्रेडेंशियल का इस्तेमाल किया. हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने आरोप लगाया है कि टीएमसी सांसद महुआ पीएम मोदी को बदनाम करना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने संसद में पूछे गए सवालों के जरिए गौतम अडानी को निशाना बनाया. इस मामले में हीरानंदानी का एक हलफनामा भी वायरल हो रहा है.

दर्शन हीरानंदानी ने क्या कहा?

इतना ही नहीं, दर्शन ने कहा कि वह कई मौकों पर मोइत्रा से मिले. उन्होंने कहा कि हम अक्सर फोन पर बातचीत करते थे. महुआ ने मुझे एक ईमेल आईडी दिया था. ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह संसद में सवाल उठा सकें. मैं उनके प्रस्ताव के साथ गया. कुछ जानकारी मेरे साथ साझा की गई, जिसके आधार पर मैंने जरूरत पड़ने पर उनके संसदीय लॉगिन का उपयोग करके प्रश्नों का मसौदा तैयार करना और पोस्ट करना जारी रखा.”

दर्शन ने यह भी दावा किया कि टीएमसी नेता ने उनसे कई तरह की मदद मांगी. उन्होंने कहा, “कई बार मुझे लगा कि वह मेरा फायदा उठा रही है और मुझ पर उन चीजों को करने के लिए दबाव डाल रही है जो मैं नहीं चाहता था, लेकिन उपरोक्त कारणों से मेरे पास कोई विकल्प नहीं था.”

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महुआ ने हलफनामे को बताया झूठ

दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या वास्तव में किसी भी जांच एजेंसी ने तलब नहीं किया है. फिर उसने यह शपथ पत्र किसे दिया है? महुआ ने कहा कि हलफनामा श्वेत पत्र पर है, न कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरीकृत पर. भारत का सबसे प्रतिष्ठित व्यवसायी श्वेत पत्र पर इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए उसके सिर पर बंदूक नहीं रखी गई हो?

महुआ ने आगे कहा कि पत्र का कंटेंट एक मजाक है. यह स्पष्ट रूप से पीएमओ में कुछ आधे-अधूरे लोगों द्वारा तैयार किया गया है जो भाजपा के आईटी सेल में काम करते हैं. यह मोदी और गौतम अडानी के लिए गीत गाता है, जबकि उनके हर प्रतिद्वंद्वी को मेरे और मेरे कथित भ्रष्टाचार से जोड़ता है. शार्दुल श्रॉफ सिरिल श्रॉफ के भाई हैं, जिनका व्यवसाय से कड़वाहट के साथ अलगाव हो गया है. सिरिल श्रॉफ गौतम अडानी के “समधी” हैं और हितों के टकराव के मामले में सेबी की समिति में थे. राहुल गांधी और शशि थरूर दोनों ऐसे लोग हैं जिन्हें सरकार लगातार निशाना बनाती है.

-भारत एक्सप्रेस

Rakesh Kumar

Sr. Sub-Editor

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