विश्लेषण

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से सेवानिवृत्ति के बाद भी सीट पर जमी हैं रसूखदार अधिकारी लीनू सहगल

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से सेवानिवृत्त महाप्रबंधक नियोजन और वास्तुकला लीनू सहगल सेवानिवृत्ति के बावजूद इसी पद पर जमी हुई हैं ! हैरानी की बात है कि सेवानिवृत्ति के बावजूद अवैध तौर पर प्राधिकरण में कार्यरत इस अधिकारी के समक्ष अथॉरिटी के CEO से लेकर अन्य अधिकारी तक कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.

भ्रष्टाचार के आरोपों से दागदार ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में खुलेआम सरकारी कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. भूखंडों की बंदरबांट और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी अथॉरिटी विभिन्न न्यायिक मामलों में उलझी हुई है. आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण के चलते अथॉरिटी में महाप्रबंधक नियोजन और वास्तुकला के पद से सेवानिवृत्त लीनू सहगल अभी भी अथॉरिटी में इसी पद पर काम कर रही हैं. जानकारों की मानें तो 30 सितम्बर को सेवानिवृत्त इस अधिकारी को सेवा-विस्तार दिलाने के लिए अथॉरिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी भरसक कोशिश में जुटे हुए हैं. इसके लिए शासन से सेवा-विस्तार दिलाने के लिए भी एड़ी से चोटी का जोर लगाया जा रहा है. मगर लीनू सहगल की सेवानिवृत्ति के बाद से सेवा-विस्तार की स्वीकृति से संबंधित कोई भी दस्तावेज अभी तक अथॉरिटी को नहीं मिला है.

क्या है मामला?

दरअसल ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में कार्यरत रही लीनू सहगल को रसूखदार अधिकारी माना जाता है. यही वजह है कि वह केंद्र सरकार में भी अहम विभागों में प्रतिनियुक्ति पर रह चुकी हैं. जहां से वापस ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में आने के बाद इस साल 30 सितम्बर को वह सेवानिवृत्त हो गई. अथॉरिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी उन्हें सेवा-विस्तार दिलाने की मुहिम में जुट गए. लेकिन सेवानिवृत्ति के दिन तक इसे मंजूरी नहीं मिली. लिहाजा नियमों के तहत वह इस पद पर काम नहीं कर सकती हैं.

यहां से शुरू हुआ खेल

हैरानी की बात है कि सेवा-विस्तार की मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद लीनू सहगल अभी भी अथॉरिटी में महाप्रबंधक नियोजन और वास्तुकला के पद पर कार्य कर रही हैं. इस पद को अथॉरिटी में बहुत अहम और कमाई वाला भी माना जाता है. भारत एक्सप्रेस के पास एक ऐसा दस्तावेज मौजूद हैं जिस पर लीनू सहगल ने 05 अक्टूबर को हस्ताक्षर किए थे. जबकि वह पांच दिन पहले ही सेवानिवृत्त हो चुकी थी. नियमों की बात करें तो सेवानिवृत्त अधिकारी द्वारा किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने का मामला अथॉरिटी को कानून के कठघरे में खड़ा कर सकता है.

फर्जी बोर्ड प्रस्ताव का भी आरोप

सूत्रों का कहना है कि लीनू सहगल के सेवा-विस्तार को जायज ठहरने के लिए अथॉरिटी के ही एक बड़े अधिकारी ने फर्जी बोर्ड प्रस्ताव तैयार कराके उसे प्रसारित करना शुरू कर दिया है. ताकि उनके सेवा-विस्तार के बिना लिए जा रहे फैसलों पर उठ रहे सवालों को शांत किया जा सके.

ACEO ने बोला नहीं आया है शासनादेश

बिना स्वीकृत सेवा-विस्तार के अथॉरिटी में महा प्रबंधक नियोजन और वास्तुकला की सीट पर जमकर बैठी लीनू सहगल के बारे में जब अथॉरिटी के ACEO अमन दीप तुली से बात की गई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि उनके सेवा-विस्तार का कोई भी आदेश अभी तक अथॉरिटी तक नहीं पहुंचा है. उनका कहना है कि बोर्ड को यह अधिकार है कि वह सेवानिवृत्त अधिकारी को अनुबंध पर रख सकता है. लेकिन महाप्रबंधक नियोजन और वास्तुकला के तौर पर कैसे हस्ताक्षर कर रही हैं? इस सवाल के जवाब में वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते.

ACEO को झुठला रही हैं लीनू सहगल

हैरानी की बात है कि जहां ACEO अमन दीप तुली स्वीकार कर रहे हैं कि लीनू सहगल के सेवा-विस्तार की स्वीकृति जैसा कोई भी शासनादेश अभी तक अथॉरिटी को नहीं मिला है, वहीं लीनू सहगल कहती हैं कि सेवा-विस्तार का आदेश 01 अक्टूबर को ही आ गया था. चूंकि यह कार्मिक विभाग से जुड़ा मामला है तो ACEO को इसकी जानकारी नहीं होगी.

फर्जीवाड़े पर भी गंभीर सवाल

प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सामने आ रहे बोर्ड प्रस्ताव संबंधी दस्तावेज में लीनू सहगल को अनुबंध पर रखने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन अथॉरिटी चेयरमैन ने 06 अक्टूबर को किया था. ऐसे में सवाल यह है कि यदि शासन से उनके सेवा-विस्तार के संदर्भ में 01 अक्टूबर को स्वीकृति मिल चुकी है तो 06 अक्टूबर को इस प्रस्ताव के अनुमोदन की क्या जरुरत थी? और यदि 06 अक्टूबर को चेयरमैन ने उन्हें अनुबंध पर रखने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया था तो 05 अक्टूबर को उन्होंने किस हैसियत से सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे?

-भारत एक्सप्रेस

सुबोध जैन

Recent Posts

देश में बेरोजगारी बढ़ी या कम हुई? केंद्र सरकार बोली— 2016-17 और 2022-23 के बीच मिले 1.7 करोड़ नये रोजगार

भारत में बेरोजगारी बढ़ने के विपक्ष के दावों के बीच केंद्र सरकार की ओर से…

9 mins ago

Adani University ने मनाया पहला दीक्षांत समारोह, नवाचार और सामाजिक प्रभाव पर दिया जोर

Adani University First Convocation: अडानी यूनिवर्सिटी ने शनिवार को अपना पहला दीक्षांत समारोह मनाया, जिसमें…

25 mins ago

AAP विधायक और मंत्री Saurabh Bhardwaj ने क्यों पकड़ा BJP नेता Vijender Gupta का पैर, जानें क्या है मामला

दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी (BJP) के बीच बस…

1 hour ago

Jammu Kashmir Exit Poll 2024: जम्मू कश्मीर में अबकी बार किसकी सरकार? Bharat Express पर देखें LIVE

Jammu Kashmir Election Exit Poll: जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं.…

1 hour ago

Haryana Exit Poll 2024: हरियाणा में अबकी बार किसकी बनेगी सरकार? Bharat Express न्यूज चैनल पर देखें LIVE

Haryana Election Exit Poll: हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम आने से पहले भारत एक्सप्रेस न्यूज चैनल…

2 hours ago

टीवी पर Zakir Naik को लेकर बहस के दौरान मौलाना से भिड़े आचार्य, चले लात-घूंसे… फिर क्या हुआ?

यह पहली बार नहीं है कि न्यूज चैनल पर लाइव टीवी डिबेट के दौरान पैनलिस्टों…

2 hours ago