दिल्ली: तीस हजारी अदालत में एक कार्यक्रम में बोलते हुए किरन रिजिजू ने कहा, मेरा भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के साथ सीधा संपर्क है। हम हर छोटे से लेकर जटिल मुद्दों तक पर चर्चा करते हैं। लोकतंत्र में सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद हो सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दोनों में महाभारत चल रहा है। बहस लोकतंत्र की ख़ूबसूरती है।” किरेन रिजिजू ने कहा कि बिना बहस और चर्चा के लोकतंत्र कैसा है? उन्होंने कहा, “इन दिनों न्यायाधीश भी थोड़ा सावधान हैं। वे ऐसा निर्णय नहीं देंगे जिससे समाज में कड़ी प्रतिक्रिया हो। आखिरकार जज भी एक इंसान होता है और जनमत उसे भी प्रभावित करता है। सोशल मीडिया स्क्रूटनी का भी सीधा असर जजों पर पड़ता है।” उन्होंने कहा कि हमारे देश मे इस समय लंबित केसों को संख्या 4 करोड़ के आस पास है। इस लंबित मुकदमो का मतलब है न्याय में देरी और इसी देरी को कम करने के लिए न्याय पालिका और कार्यपालिका को एक साथ आना पड़ता है।
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