दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह का समर्थन किया. DCPCR ने कहा सरकार को जागरूकता फैलानी चाहिए कि समान सेक्स परिवार सामान्य हैं. DCPCR ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के मामले में हस्तक्षेप याचिका दाखिल किया. याचिका में समान-लिंग विवाहों और उनके गोद लेने के अधिकार का समर्थन किया. DCPCR ने कहा कि वर्तमान में 50 से देश समलैंगिक विवाह वाले जोड़ों को कानूनी रूप से बच्चों को गोद लेने की अनुमति दी है. याचिका में कहा विषमलैंगिक माता-पिता की तुलना में समान-लिंग वाले जोड़ों को पालन-पोषण में अच्छा या बुरा होने के संबंध में कोई फायदा या नुकसान नहीं है.
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