सुप्रीम कोर्ट ने जनसख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह एक सामाजिक मुद्दा है, कानून बनाना सरकार का काम है. इस तरह की याचिकाएं प्रचार के लिए दाखिल की जाती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आप पब्लिसिटी चाहते हैं, आपको पब्लिसिटी देने का हमारा काम नहीं है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम अपनी क्षमताओं में जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए जो कुछ भी सकते हैं वह कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने कहा था परिवार नियोजन एक स्वैच्छिक कार्यक्रम है, इसे अनिवार्य बनाने बनाना सही नहीं होगा.
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