न्यायपालिका बनाम विधायिका की बहस पर अपनी राय देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 1973 के चर्चित केशवानंद भारती केस का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले ने गलत मिसाल पेश कर दी है और अगर कोई भी अथॉरिटी संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति पर सवाल उठाती है, तो यह कहना मुश्किल होगा कि ‘हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं.’ इसके अलावा उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि न्यायिक मंचों से जनता के लिए दिखावा अच्छा नहीं है. जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें तब आश्चर्य हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के जजों ने अटॉर्नी जनरल को अपनी नाराजगी उच्च संवैधानिक अधिकारियों को बताने के लिए कहा था.बता दें केशवानंद भारती केस में सुप्रीम कोर्ट ने बेसिक स्ट्रक्चर (मूल ढांचे) का सिद्धांत दिया था. भारत में कई फैसलों का आधार बनने वाली इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संसद चाहे तो संविधान में संशोधन कर सकती है लेकिन संविधान के मूल ढांचे में बदलाव नहीं कर सकती है.
इस टूर्नामेंट में पिछले संस्करणों में भारत के कुछ शीर्ष टेनिस सितारों ने भाग लिया…
Govinda Shot Himself: एक्टर गोविंदि को अपनी पिस्तौल से गोली लगने के बाद अस्पताल में…
LPG Price Hike: हर महीने की पहली तरीख को ऑयल कंपनियां LPG की कीमतों में…
Rajinikanth Health Update: साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को लेकर एक खबर आ रही है कि उन्हें…
Jammu Kashmir Elections 2024: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के तीसरे और अंतिम चरण के लिए…
Jammu Kashmir Phase 3 Elections 2024: जम्मू एवं कश्मीर में मंगलवार को विधानसभा चुनाव के…