भारत सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित क्रूड ऑयल और पेट्रोल, डीजल, और एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) के निर्यात पर लगाए गए विंडफॉल टैक्स को अब हटा लिया है. सरकार की ओर से यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट और उद्योग की मांग पर लिया गया है.
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने सोमवार, 2 दिसंबर 2024 को एक अधिसूचना जारी कर 30 जून 2022 को विंडफॉल टैक्स लगाने की जो अधिसूचना जारी की थी, उसे वापस ले लिया है. यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि विंडफॉल टैक्स के साथ-साथ सरकार ने पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर लगाए गए सड़क और अवसंरचना सेस (RIC) को भी हटा दिया है. पहले पेट्रोल और एटीएफ पर निर्यात पर ₹6 प्रति लीटर और डीजल पर ₹13 प्रति लीटर सेस लगाया जाता था. इसके अलावा, घरेलू उत्पादित क्रूड पर ₹23,250 प्रति टन टैक्स था.
विंडफॉल टैक्स जुलाई 2022 में अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में तेज वृद्धि के दौरान लगाया गया था, जब प्राइवेट रिफाइनर ने घरेलू आपूर्ति घटाकर विदेशों में उच्च लाभ के लिए पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया था. लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय ब्रेंट क्रूड की कीमत अगस्त 2024 से लगातार $80 प्रति बैरल से कम बनी हुई है और वर्तमान में यह $72 प्रति बैरल के आसपास है.
भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में इस साल गिरावट आई है, जबकि मात्रा के हिसाब से निर्यात में वृद्धि हुई है. 2024-25 की पहली छमाही में भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में 12.7% की गिरावट आई है. हालांकि, निर्यात की मात्रा 121% बढ़ी है, जो 52.7 मिलियन टन से बढ़कर 116.4 मिलियन टन हो गई है.
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