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पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी दर 5% से कम, शहरी इलाकों से बेहतर प्रदर्शन: SBI Research

SBI रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. पहली बार, ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी दर 5% से कम हो गई है. जहां शहरी इलाके अपनी स्थिर प्रगति से जूझ रहे हैं, वहीं गांवों ने गरीबी कम करने की दौड़ में बाजी मार ली है. सरकार की योजनाएं, गांवों में बढ़ता निवेश और लोगों की मेहनत से यह सब मुमकिन हुआ है.

2023-24 में ग्रामीण गरीबी घटकर 4.86% रह गई. यह 2022-23 के 7.2% और 2011-12 के 25.7% से काफी कम है. शहरी क्षेत्रों में भी गरीबी दर घटी है, लेकिन यहां गिरावट ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में कम है. 2023-24 में शहरी गरीबी 4.09% दर्ज की गई, जो 2022-23 में 4.6% थी. 2011-12 में यह दर 13.7% थी.

देशव्यापी गरीबी का स्तर

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल गरीबी दर अब 4-4.5% के बीच है. रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि “चरम गरीबी” (extreme poverty) अब लगभग न के बराबर रह गई है. यह संकेत है कि देश में गरीबी उन्मूलन के प्रयास सही दिशा में जा रहे हैं.

SBI रिसर्च ने यह भी कहा कि 2021 की जनगणना पूरी होने और नई ग्रामीण-शहरी जनसंख्या के आंकड़े उपलब्ध होने के बाद यह डेटा बदल भी सकता है. इसलिए, इन आंकड़ों को अंतिम नहीं माना जा सकता.

ग्रामीण और शहरी खपत के बीच का अंतर लगातार कम हो रहा है. 2023-24 में यह अंतर 69.7% तक घट गया, जो 2022-23 में 71.2% और 2011-12 में 83.9% था. खपत का अंतर कम होना दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है.

सरकारी योजनाओं का प्रभाव

गरीबी में इस गिरावट के पीछे सरकार की कई योजनाओं और नीतियों की अहम भूमिका है. रिपोर्ट में निम्नलिखित कारणों को मुख्य माना गया है:

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): सरकारी सब्सिडी और योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुंचाया गया. इससे गरीब तबकों को सीधा फायदा हुआ.

ग्रामीण बुनियादी ढांचे में निवेश: सड़कों, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ, जिससे रोजगार के नए अवसर मिले.

किसानों की आय बढ़ाने की पहल: पीएम-किसान योजना और अन्य कृषि सुधारों ने किसानों की आमदनी में इजाफा किया.

हालांकि यह रिपोर्ट गरीबी में बड़ी गिरावट की ओर इशारा करती है, लेकिन इसे बनाए रखना एक चुनौती होगी. महंगाई, रोजगार की स्थिति, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

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