वित्तीय सेवा क्षेत्र में डिजिटल और व्यक्तिगत (फिजिटल) दृष्टिकोण एक नया मानक बन रहा है. पहले जहां यह उद्योग आमने-सामने की बातचीत पर निर्भर था, वहीं अब 24×7 डिजिटल-प्रथम दुनिया में अपनी जगह बना रहा है. डिजिटल तकनीक नियमित संपर्क को आसान बनाती है, जबकि व्यक्तिगत मुलाकातें विश्वास को मजबूत करती हैं. इस दृष्टिकोण ने खरीदारी, सेवा गुणवत्ता और निर्णय लेने के अनुभव को सरल और प्रभावी बनाया है. बैंकों के लिए ‘कहीं भी सेवाएं’ अब हकीकत बन चुकी हैं.
तकनीक ने वित्तीय सेवा कंपनियों के लिए सहयोग को नए स्तर पर पहुंचाया है. उद्योग के विभिन्न खंडों में अंत-से-अंत डिजिटलीकरण फैल रहा है, जिससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए पहुंच आसान हो रही है. उभरती तकनीकों के जरिए कंपनियां नए खंडों में विस्तार कर रही हैं और उद्योग के भीतर सहयोग को बढ़ावा दे रही हैं. यह एकीकरण उपभोक्ताओं को अनुकूलित सलाह और हाइब्रिड कार्य मॉडल प्रदान करता है.
तकनीक और मानव सहयोग का बेहतर तालमेल वित्तीय सेवा क्षेत्र में अगली बड़ी छलांग का आधार बन सकता है. भारत में यह बदलाव न केवल वित्तीय समावेशिता को बढ़ा रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए एक सुविधाजनक और विश्वसनीय अनुभव भी सुनिश्चित कर रहा है.
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-भारत एक्सप्रेस
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