INDIA Alliance Rally: लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में ‘लोकतंत्र बचाओ महारैली’ के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया. रविवार यानी 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) ने चुनाव आयोग (EC) के सामने पांच बड़ी मांगें रखी हैं.
इसी के साथ ही विपक्षी दलों ने चुनावी हेराफेरी रोकने के लिए आयोग को एक्शन लेने के लिए भी कहा और चुनाव के लिए सभी को बराबर का मौका मिलने की बात भी कही. वहीं इस मौके पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा औऱ कहा कि संविधान बचाने का ये आखिरी मौका है.
विपक्षी दलों ने महारैली के दौरान चुनाव आयोग के सामने पांच मांगें रखी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ ही झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की तत्काल रिहाई की मांग की. इस मौके पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मौजूद रहीं और विपक्षी दलों की ओर से उन्होंने चुनाव आयोग के सामने ये मांगें रखीं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘अगर बीजेपी इस मैच फिक्सिंग वाले चुनाव को जीत जाती है और संविधान को बदल देती है, तो देश में आग लग जाएगी और ये देश बच नहीं पाएगा. ये कोई सामान्य चुनाव नहीं है. ये चुनाव देश को बचाने और संविधान सुरक्षित करने के लिए है.’
विपक्षी दलों की इस महारैली में कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी तो वहीं एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव व सपा प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे, आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जैसे दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया.
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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को तुरंत रिहा किया जाए. बता दें कि केजरीवाल शराब नीति मामले में ईडी की हिरासत में हैं तो वहीं सोरेन जमीन घोटाले में जेल में बंद हैं.
चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव में सभी दलों को एक समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए.
चुनाव के दौरान विपक्षी राजनीतिक दलों का आर्थिक रूप से गला घोंटा जा रहा है. इस तरह की जबरन हो रही कार्रवाई पर भी तुरंत रोक लगानी चाहिए.
इलेक्टोरल बॉन्ड का इस्तेमाल कर बीजेपी के जरिए बदले की भावना, जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) का गठन होना चाहिए.
चुनाव में हेराफेरी के मकसद से विपक्षी दलों के खिलाफ जांच एजेंसियों के जरिए कार्रवाई की जा रही है. चुनाव आयोग को एजेंसियों के एक्शन को रोकना चाहिए.
-भारत एक्सप्रेस
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