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‘चमचे की तरह आगे पीछे घूमते थे राजेश खन्ना’, उनके साथ काम करना था मुश्किल, ये क्या बोल गए जावेद अख्तर?

Difficult To Work With Rajesh Khanna: सलीम खान और जावेद अख्तर बॉलीवुड की एक ऐसी नायाब जोड़ी है, जिन्होंने 70 के दशक में भारतीय सिनेमा में क्रांति लाने का काम किया था. इस जोड़ी ने ‘शोले’, ‘दीवार’, ‘जंजीर’, ‘डॉन’, ‘हाथी मेरे साथी’ और ‘यादों की बारात’ जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी. जावेद अख्तर इस वक्त अपने और सलीम खान पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर चर्चे में बने हुए है.

कहा जाता है कि राजेश खन्ना तो इस जोड़ी से खफा भी हो गए थे. उनका मानना था कि उनकी लिखी फिल्मों से अमिताभ बच्चन चमके और उनका करियर बुरी तरह से डूब गया. इस बीच जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया है कि क्यों उन्होंने राजेश खन्ना से दूरी बना ली थी. जावेद ने ये भी बताया कि अमिताभ बच्चन का नाम हर फिल्म में विजय ही क्यों रखते थे.

चमचे की तरह आगे पीछे घूमते थे राजेश खन्ना

जावेद अख्तर ने उस दौर में कई ऐसे एक्टर के साथ काम किया जिनका करियर रातोंरात बदल गया. अमिताभ बच्चन जैसे एक्टर्स की तो इनके साथ काम करने के बाद किस्मत ही चमक उठी थी. इस बीच एक इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर ने बताया कि वह राजेश खन्ना के साथ ज्यादा काम क्यों नहीं कर पाए थे.

उन्होंने कहा, भारत में जब बच्चा जन्म लेता था तो मम्मी-पापा बाद में बोलता था और राजेश खन्ना पहले बोलता था. एक वक्त ऐसा आया जब हमें लगा कि उनके साथ काम करना अब बहुत मुश्किल हो गया है. दरअसल, वह चापलूस और चमचों में ही घिरे रहते थे. यही वजह थी कि हमने दूरी बना ली थी. अमिताभ का नाम हमारी फिल्मों के किरदार के लिए परफेक्ट था.

ये भी पढ़ें: Rekha के बेबाक बोल- ‘सुहागरात को ही संबंध बनाना जरूरी नहीं, मैं प्रेग्नेंट नहीं हुई तो क्या हुआ’, कहा-‘ये रिवाज सिर्फ…’

अमिताभ बच्चन का नाम क्यों रखते थे विजय?

जावेद ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा कि, जिस तरह की फिल्में बनाने के बारे में हम लोग सोच रहे थे. उस तरह की फिल्मों के लिए अमिताभ एकदम परफेक्ट थे. जबकि वो उस वक्त सुपरस्टार नहीं थे, लेकिन एक्टर बहुत बेहतरीन थे. उन्हें देखते ही हमें लगा था कि वह हमारे विजय हो सकते हैं.

शोले में भी विजय रखने वाले थे नाम

हर फिल्म में अमिताभ का नाम विजय रखने के पीछे का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा, विजय सुनने में अच्छा लगता था. दीवार, त्रिशूल हर फिल्मों में हमने यही नाम लिया. बता दें जावेद ने इस बात का भी खुलासा किया था कि हम तो शोले में भी विजय रखने वाले थे. लेकिन दूसरा नाम वीरू भी ‘वी’ लेटर से ही था, तो ठीक नहीं लग रहा था. इसलिए हमने मन बनाया था कि हम वी हटा कर जय रख लेते हैं.

-भारत एक्सप्रेस 

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