8th Pay Commission: देश में जहां एक ओर लोकसभा चुनाव हो रहे हैं तो दूसरी ओर केंद्रीय कर्मचारियों ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग उठा दी है. इसको लेकर सरकार को पत्र भी लिखा गया है. बता दें हर 10 वर्ष के बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स के पेंशन पर फैसला लेने के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाता है. इसी को देखते हुए रेलवे कर्मचारियों के फेडरेशन एआईआरएफ ने सरकार के सामने 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग रखी है.
इस सम्बंध में फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने मीडिया को बताया कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने को लेकर 8वें वेतन आयोग के गठन करने की मांग के लिए कैबिनेट सचिव को फेडरेशन की ओर से पत्र भी लिखा गया है. इसको लेकर ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (All India Railwaymen’s Federation) की बैठक आहुत की गई. इसी के बाद सरकार को पत्र लिखकर ये मांग उठाई गई है.
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शिव गोपाल मिश्रा ने आगे जानकारी दी कि बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है और मांग की गई है कि सरकार तुरंत 8वें वेतन आयोग का गठन करे. इसको लेकर कैबिनेट सचिव को पत्र भी लिख दिया गया है. बैठक में कर्मचारियो ने कहा कि हम चाहते हैं नई सरकार के गठन होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तुरंत 8वें वेतन आयोग का गठन कर दिया जाए.
शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि इससे पहले डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने मार्च महीने में वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर को इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर्स एसोसिएशन के 8वें वेतन आयोग के गठन करने वाली मांग से जुड़ी चिठ्ठी को आगे बढ़ा दिया है और मांग की गई है कि इस पर विचार किया जाए लेकिन संसद में कई बार मोदी सरकार ये दावा कर चुकी है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी को लेकर 8वें वेतन आयोग का गठन किए जाने से सम्बंधित कोई प्रस्ताव सरकार के सामने नहीं रखा गया है.
देश में फिलहाल लोकसभा चुनाव की लहर चल रही है और दूसरे चरण का चुनाव हो चुका है. तो वहीं 8वें वेतन आयोग को लेकर माना जा रहा है कि केंद्र में नई सरकार के गठन होने के बाद से सरकारी कर्मचारियों की ओर से दबाव बढ़ सकता है.
गौरतलब है कि प्रत्येक 10 सालों के बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स के पेंशन पर निर्णय लेने के लिए वेतन आयोग का गठन किया जाता है. इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन के साथ ही अन्य प्रकार की तरह के खर्चे व भत्ते आदि पर निर्णय लिया जाता है. केंद्रीय कर्मचारियों, केंद्र शाषित प्रदेश, ऑल इंडिया सर्विसेज, रेग्यूलेटरी अथॉरिटी से जुड़े कर्मचारी अधिकारी,इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी कर्मचारी और डिफेंस फोर्सेज से जुड़े पर्सनल्स के वेतन, भत्तों, रैंक स्ट्रक्चर और पेंशन को लेकर वेतन आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को देती है.
अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए वेतन आयोग को 18 महीने का समय दिया जाता है. मालूम हो कि पिछली बार जस्टिस अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में 28 फरवरी 2014 को 7वें वेतन आयोग का गठन हुआ था. आयोग ने नवंबर 2015 में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी थी और फिर इसे एक जनवरी 2016 से लागू कर दिया गया था.
-भारत एक्सप्रेस
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