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Manipur: मणिपुर में उग्रवादियों ने किया CRPF जवानों पर हमला, दो शहीद

मणिपुर पुलिस ने बताया कि शहीद जवान राज्य के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं.

Manipur Violence

मणिपुर।

Manipur News: मणिपुर में जारी हिंसा फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है. इसके दुष्परिणाम भी लगातार देखने को मिल रहे हैं. ताजा खबर सामने आ रही है कि बिष्णुपुर जिले में कुकी उग्रवादियों ने घात लगाकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) जवानों पर हमला बोला है. इस घटना में दो जवान शहीद हो गए हैं. मीडिया सूत्रों के मुताबिक कुकी उग्रवादियों ने आधी रात से लेकर भोर में 2 बजकर 15 मिनट तक हमला किया.

आईआरबीएन (भारतीय आरक्षित वाहिनी) शिविर पर हमला

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बाद ही इस घटना के सामने आने के बाद से इलाके में सनसनी फैल गई है. पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस थाना क्षेत्र के नारानसेना में आईआरबीएन (भारतीय आरक्षित वाहिनी) शिविर पर हमला किया.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटियों से शिविर को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी की. गोलीबारी रात करीब साढ़े 12 बजे शुरू हुई और देर रात तक जारी रही. उग्रवादियों ने बम भी फेंके, जिनमें से एक बम सीआरपीएफ की 128 बटालियन की चौकी में फटा.’

उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान सीआरपीएफ के उप-निरीक्षक एन. सरकार और हेड कॉन्स्टेबल अरूप सैनी के रूप में हुई है. हमले में निरीक्षक जादव दास और कॉन्स्टेबल आफताब दास छर्रे लगने से घायल हो गए. दोनों घायल जवानों को इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है. वे खतरे से बाहर हैं.

सीआरपीएफ जवानों को आईआरबीएन शिविर की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. पुलिस ने कहा कि हमले में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाश जारी है.

पिछले साल भड़की थी हिंसा

गौरतलब है कि पिछले से ही मणिपुर में हिंसा भड़की हुई है. 3 मई 2023 को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था. इसी के बाद जातीय हिंसा भड़क गई थी. इस घटना में अभी तक करीब 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. बड़ी संख्या में लोगों ने इस इलाके को छोड़ दिया है.

उग्रवादियों ने की तीन जिलों में फायरिंग

बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. 26 अप्रैल यानी कल दूसरे चरण का मतदान था. तो वहीं पहले चरण के मतदान के दौरान 19 अप्रैल को भी यहां के कई इलाकों में हिंसा देखी गई थी और कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीन तक तोड़ दी गई थी. इसी वजह से यहां पर फिर से वोटिंग कराई गई थी.

कल की घटना से पहले उग्रवादियों ने तीन जिलों कांगपोकपी, उखरूल और इंफाल पूर्व के ट्राइजंक्शन जिले में एक दूसरे पर फायरिंग की थी जिसमें कुकी समुदाय के 2 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी.

इस घटना के बाद थौबल जिले के हेइरोक और तेंगनौपाल के बीच 2 दिन की क्रॉस फायरिंग की घटना भी सामने आई. मीडिया सूत्रों के मुताबिक इम्फाल पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में इसी घटना के बाद से एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है, जिसमें कांगपोकपी और इंफाल पूर्व दोनों के हथियारबंद उग्रवादी शामिल रहे.

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-भारत एक्सप्रेस

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