Adani Energy Solutions: भारत की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन और वितरण कंपनी अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) ने आज कहा कि उसने आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड से एलओआई (आशय पत्र) प्राप्त करने के बाद खावड़ा फेज-IV पार्ट-ए ट्रांसमिशन परियोजना का एसपीवी अधिग्रहण पूरा कर लिया है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत के ऊर्जा परिवर्तन में एईएसएल की स्थिति को और मजबूत करना है. इसके अलावा यह भारत में सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ट्रांसमिशन के तौर पर अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है.
खावड़ा आईवीए पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड को IV भाग ए पैकेज के तहत खावड़ा आरई पार्क से 7 गीगावाट अक्षय ऊर्जा (आरई) निकालने के लिए आरईसीपीडीसीएल द्वारा स्थापित किया गया था. जो कि परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए एईएसएल द्वारा अधिग्रहित किया गया है. खावड़ा आईवीए ट्रांसमिशन लाइन, जो राष्ट्रीय ग्रिड का हिस्सा है. खावड़ा से लकड़िया और खावड़ा से भुज तक 765 केवी डबल सर्किट लाइनों को जोड़कर और 4,500 एमवीए की परिवर्तन क्षमता स्थापित करके 7 गीगावाट आरई निकालने में मदद करेगी.
दुनिया का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा पार्क खावड़ा, जिसकी नियोजित उत्पादन क्षमता 30 गीगावॉट है, भारत की डीकार्बोनाइजेशन यात्रा में बहुत योगदान देगा. एईएसएल को यह परियोजना दिए जाने से स्वच्छ ऊर्जा की निकासी के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता में वृद्धि होगी. अडानी समूह का केंद्रित दृष्टिकोण खावड़ा को बंजर भूमि से भारत की शुद्ध शून्य यात्रा में एक मील का पत्थर में बदलना भी सुनिश्चित करेगा.
एईएसएल ने टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) प्रक्रिया के माध्यम से परियोजना जीती है और वह अगले 24 महीनों में बीओओटी (निर्माण, स्वामित्व, संचालन और हस्तांतरण) के आधार पर परियोजना को चालू करेगी तथा अगले 35 वर्षों तक इसका रखरखाव करेगी.
कंपनी 298 किलोमीटर (596 सीकेएम) ट्रांसमिशन परियोजना के निर्माण के लिए 4,091 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इस परियोजना में 300 एमवीएआर स्टेटकॉम और 3×1500 एमवीए, 765/400 केवी इंटर-कनेक्टिंग ट्रांसफॉर्मर (आईसीटी) के साथ 1×330 एमवीएआर, 765 केवी और 1×125 एमवीएआर, 420 केवी बस रिएक्टर की स्थापना भी शामिल है.
एईएसएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कंदर्प पटेल ने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा पार्क के रूप में, खावड़ा को बिजली निकासी के लिए ऐसे बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है जो न केवल विश्व स्तरीय हो बल्कि लचीला और भविष्य के लिए तैयार भी हो.” “यह निवेश न केवल खावड़ा द्वारा उत्पादित नियोजित 30 गीगावाट हरित बिजली की निकासी के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण ट्रांसमिशन नेटवर्क स्थापित करेगा बल्कि बहुत जरूरी ग्रिड स्थिरता भी प्रदान करेगा. एईएसएल को इस पहल का हिस्सा बनने पर गर्व है क्योंकि यह नेटवर्क राष्ट्रीय ग्रिड में हरित ऊर्जा के निर्बाध प्रवाह में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे भारत की नेट जीरो की ओर यात्रा को बल मिलेगा.”
-भारत एक्सप्रेस
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