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Bihar Caste Survey: जातीय जनगणना के बाद सीएम नीतीश ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, नेताओं ने गिना दी कमियां

Bihar Caste Survey: जातीय जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद सीएम नीतीश ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में 9 दलों के प्रतिनिधी शामिल हुए. इस दौरान विपक्षी दलों ने सीएम नीतीश को जातीय जनगणना की कमियों के बारे में बताया. बीजेपी (BJP) के नेता और ‘हम’ संयोजक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने मौजूदा जाति आधारित गणना में कई खामियों को सरकार के सामने रखा. जिसके बाद सरकार ने संबंधित अधिकारियों से इसे तत्काल दूर करने को कहा.

जातीय जनगणना के आंकड़े

बता दें कि बिहार सरकार ने सोमवार को अपने जाति-आधारित सर्वेक्षण के नतीजे साझा किए थे. सर्वे से पता चला कि पिछड़ा वर्ग आबादी का 27 प्रतिशत है, जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 36 प्रतिशत है. भूमिहारों की आबादी 2.86 प्रतिशत और ब्राह्मणों की संख्या 3.66 प्रतिशत है. कुर्मी – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समुदाय से हैं – जिनकी आबादी 2.87 प्रतिशत है. मुसहर 3 प्रतिशत हैं, और यादव – उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का समुदाय – 14 प्रतिशत आबादी का है.

बिहार जाति आधारित गणना के रूप में भी जाना जाता है, जनगणना से पता चलता है कि 13 करोड़ की आबादी में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत से अधिक है, जबकि अनुसूचित जनजाति की संख्या 1.68 प्रतिशत है. राज्य की आबादी में ऊंची जातियां या ‘सवर्ण’ 15.52 प्रतिशत हैं. सर्वदलीय बैठक में विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने कहा कि जिस तरह किसी परीक्षा में एवरेज मार्किंग किया जाता है, उसी तरह जातीय जनगणना के दौरान भी किया गया है. उन्होंने कहा कि किसी को घटा दिया तो किसी को बढ़ा दिया है. वहीं एक ही जाति को कई भागों में बांट दिया गया है.

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सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनावाई

इस बीच खबर ये भी है कि जातीय गणना को लेकर दायर की गई कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. कोर्ट ने इस पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार किया है. वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने जानकारी दी है कि पहले इस आंकड़े को सार्वजनिक नहीं करने की बात की गई थी. ध्यान रहे कि जातीय गणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी पूरी तरह नीतीश कुमार पर हमलावर है. कई चैनलों के डिबेट में बैठने वाले बीजेपी नेता अजय आलोक ने कहा है कि ये गणना सिर्फ एक मजाक है. इसमें किसी तरह के आर्थिक सर्वे को शामिल नहीं किया गया है.

-भारत एक्सप्रेस

 

Rakesh Kumar

Sr. Sub-Editor

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