Ram Mandir: राम मंदिर के अभिषेक समारोह की तैयारी बहुत तेजी से चल रही है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तय है. इसमें पीएम मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. भव्य ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह. तैयारियों के बीच न सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे देश में जश्न का माहौल है. देशभर में लोग अपनी श्रद्धा दिखाते हुए कई टोलियां बनाकर राम मंदिर के लिए दान कर रहे हैं. उसी तरह, अहमदाबाद के जय भोले ग्रुप ने भव्य मंदिर में ‘अजय बाण’ – जिस तीर का इस्तेमाल भगवान राम ने कथित तौर पर रावण को मारने के लिए किया था, उसकी प्रतिकृति चढ़ाने का फैसला किया है. 5 फीट लंबा, ‘अजय बाण’ गुजरात स्थित इस समूह द्वारा पंच धातु से बनाया गया है.
इस ‘अजय बाण’ को अयोध्या राम मंदिर में चढ़ाने से पहले 51 शक्तिपीठों के ब्राह्मणों ने मां अंबा के सामने इसकी शास्त्रोक्त विधि-विधान से पूजा की. इसमें जय भोले ग्रुप सहित बड़ी संख्या में भावी श्रद्धालु भी शामिल हुए. अहमदाबाद के जिलाधिकारी वरुण कुमार बरनवाल ने जय भोले ग्रुप को अयोध्या यात्रा में उनकी धार्मिक आस्था के लिए बधाई दी. गौरतलब है कि 1 से 7 जनवरी तक अहमदाबाद में ‘अजय बाण’ भी आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे 10 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में चढ़ाया जाएगा.
पौराणिक कथाओं के अनुसार शक्तिपीठ अम्बाजी का एक अन्य संबंध ‘अजय बाण’ से भी है. त्रेता युग में जब भगवान श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण ऋषि श्रृंगी से मिले, तो उन्होंने युद्ध में रावण पर विजय के लिए ‘आदिशक्ति मां जगदंबा’ की पूजा और उन्हें प्रसन्न करने का सुझाव दिया. उनकी बात मानकर भगवान राम ने भक्ति और तपस्या से मां जगदंबा की आराधना की. उनकी भक्ति को देखकर पौराणिक कथा के अनुसार आदिशक्ति मां अम्बा ने भगवान श्री राम को विजय का आशीर्वाद दिया और आशीर्वाद स्वरूप एक बाण प्रदान किया. यह वही ‘अजय बाण’ था जिससे भगवान राम ने रावण का वध किया था.
इस बीच, गुजरात के वडोदरा में 108 फुट लंबी अगरबत्ती भी तैयार की जा रही है, जिसे राम मंदिर के उद्घाटन से पहले अयोध्या भेजा जाएगा. 3,500 किलोग्राम से अधिक वजनी यह अनूठी रचना अपनी भव्यता और ऐतिहासिक संदर्भ के कारण बेहद महत्वपूर्ण है.
बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला को विराजमान करने का निर्णय लिया है. भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या न सिर्फ भारत में रहने वाले लोगों के लिए बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है. 14 जनवरी से 22 जनवरी तक, अयोध्या में अमृत महाउत्सव मनाया जाएगा. 1008 हुंडी महायज्ञ का भी आयोजन किया जायेगा.
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