समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेयी को एमपी/एमएलए कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने उनको 11 साल पुराने मामले में 1 साल की सजा सुनाई है. इस सजा के ऐलान होने के बाद अब विधायक की विधायका बच गई है. अगर उन्हो कोर्ट से 2 साल से ज्यादा की सजा होती तो उनकी विधायकी पर खतरा आ सकता था. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि एससीएसटी की धारा होने के चलते सजा अधिक होगी लेकिन कोर्ट ने अधिकतम एक वर्ष कैद की सजा दी है.
अमिताभ के ऊपर 4 अक्टूबर 2011 को बिठूर थाने में शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें उन पर वाणिज्य कर टीम के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था. बता दें कि वाणिज्य कर के असिस्टेंट कमिश्नर दिनेश पाल 2 अक्टूबर 2011 को जीटी रोड मंधना के पास वाहनों की जांच कर रहे थे. इसी दौरान उन्हाेंने एक पिकअप वाहन को रोका था.
जिसके बाद वाहन चालक ने किसी को फोन किया और फिर अमिताभ बाजपेयी समेत 40 से 50 लोग कई गाड़ियों से आ पहुंचे और टीम को घेर लिया. इस मामले में सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मियों के साथ मारपीट करने, बलवा और एससीएसटी (SCST) के तहत बिठूर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.
अमिताभ की तरफ से उनके वकील ने कोर्ट में गवाहों के माध्यम से अभियोजन की कहानी को झूठा साबित करने की कोशिश की थी. एडीजीसी(ADGC) ने बताया की अभियोजन की ओर से पेश किए गए सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अमिताभ पर लगे आरोपों को सही पाया और उन्हें दोषी करार दिया है.
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