Ayodhya Ram Mandir: उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी अपने रामलला के स्वागत के लिए सज-धज कर तैयार हो रही है. 22 जनवरी, 2024 को रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे और इसी के साथ भगवान राम का वनवास भी खत्म हो जाएगा. इस ऐतिहासिक पल को हर कोई अपनी आंखों में संजो लेना चाहता है, लेकिन कुछ लोग हैं जो राम मंदिर कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहते हैं. मालूम हो कि मंदिर उद्घाटन से पहले, इसको लेकर लगातार सियासत जारी है. बता दें कि राम मंदिर उद्घाटन को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से लगातार वीआईपी लोगों को न्योता भेजा जा रहा है. इसी बीच खबर सामने आ रही है कि कुछ नेताओं ने इस निमंत्रण को ठुकरा दिया है. इसमें इंडिया गठबंधन के कई नेता शामिल हैं.
बता दें कि पिछले एक महीने से राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओर से सभी मुख्यमंत्रियों और देश के दिग्गज नेताओं को निमंत्रण भेजा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. तो वहीं मंदिर निमंत्रण को लेकर कांग्रेस सांसद और दिग्गज नेता शशि थरूर ने कहा, “प्रेस ने मुझसे जानना चाहा कि क्या मैं 22 जनवरी को अयोध्या जा रहा हूं. मैंने उन्हें बताया कि मुझे आमंत्रित नहीं किया गया है लेकिन धर्म को मैंने एक व्यक्तिगत गुण के रूप में देखा न कि राजनीतिक (गलत) उपयोग के लिए.” तो वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार ने निमंत्रण को लेकर कहा है कि, “राम मन्दिर का निमंत्रण मुझे नही आया. मुझे राम मन्दिर बनने की खुशी है और इस संबंध में बतौर विपक्ष हमारा इतना ही कहना है कि सत्ताधारियों के पास कोई और मुद्दा बचा नहीं है इसलिए वो राम मंदिर का मुद्दा आगे बढ़ा रहे है.”
बता दें कि राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने के लिए जिन नेताओं को निमंत्रण मिला है उनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल हैं. फिलहाल तो मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर हामी नहीं भरी है तो वहीं मनमोहन सिंह की कुछ सेहत ठीक नहीं चल रही है. इस वजह से वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे. तो वहीं विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और राम मंदिर आंदोलन के अगुआ रहे विनय कटियार को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्योता ही नहीं दिया गया है. तो वहीं भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी का कहना है कि, “आमंत्रण सभी को भेज दिए गए हैं लेकिन भगवान राम ने बुलाया है वही शामिल होंगे.”
बता दें कि जहां देश भर के तमाम नेता और वीवीआईपी हैं जो ये आस लगाए बैठे हैं कि कब राम मंदिर का उद्घाटन हो और वे मंदिर जाएं तो वहीं तमाम ऐसे नेता हैं तो इस ऐतिहासिक पल के साक्षी ही नहीं बनना चाहते हैं. बता दें कि, जिन नेताओं को निमंत्रण मिला और उन्होंने इसे ठुकरा दिया उनमें सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआईएम नेता वृंदा करात शामिल हैं. मालूम हो कि, सीपीएम ने भाजपा सरकार पर धर्म को राजनीति के साथ मिलाने का आरोप लगाया है. तो वहीं सूत्रों की मानें तो तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं. -भारत एक्सप्रेस
-भारत एक्सप्रेस
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