Barabanki News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां पर कोर्ट ने नाबालिग से हुए रेप और वीडियो बनाकर ब्लैकमल करने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है और आरोपी को 10 साल और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा दी है. बता दें कि रेप पीड़िता अपने पहले दिए बयान से मुकर गई थी. उसने कोर्ट के सामने कह दिया कि न तो उसके साथ रेप हुआ और न ही कोई वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया, लेकिन शनिवार को अपर जिला जज राजीव महेश्वरम ने चश्मदीद गवाह मां, भाई और अन्य साक्ष्य के साथ अभियोजन पक्ष की अहम पैरवी को देखते हुए आरोपित को दोषी करार दिया और उसे सजा सुनाई. ये सजा तीन साल पहले कोतवाली नगर के बंकी में हुई रेप की घटना के मामले में सुनाई गई है.
बंकी निवासी 15 साल की नाबालिग घर के पास खेलते हुए 18 जून 2020 को अचानक गायब हो गई थी. काफी वक्त तक घर न लौटने पर उसकी मां व भाई उसको ढूंढते हुए कुछ दूरी पर झाड़ियों में पहुंचे तो देखा कि सलमान नाम का युवक किशोरी को बंधक बनाए है. इस पर भाई ने सलमान को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया व अपनी बहन को मुक्त करा लिया. पूछताछ में किशोरी ने बताया कि सलमान ने उसको धमकाकर रेप किया और फिर उसका अश्लील वीडियो बनाकर बार-बार रेप के लिए दबाव बनाया और उसके साथ लगातार रेप किया. इसके बाद इस मामले में किशोरी की मां ने तहरीर दी और पुलिस ने केस दर्ज कर लिया और सलमान को जेल भेज दिया. तब किशोरी ने पुलिस और मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में अपने साथ रेप व ब्लैकमेल की बात कही थी और फिर यह चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो गई थी.
इस पूरे मामले को लेकर विशेष लोक अभियोजक मनीषा झा ने मीडिया को जानकारी दी कि चार्जशीट से पहले तो पीड़िता ने रेप और वीडियो बनाने की बात खुद ही स्वीकार की थी और बताई थी. इसके बाद ट्रायल के दौरान मुख्य परीक्षक के बयान में भी अपराध का जिक्र हुआ, लेकिन जिरह के वक्त पीड़िता अपने बयान से पलट गई और उल्टा परिवार व पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि घर वालों के दबाव में पुलिस के समक्ष बयान दिया था. इतना ही नहीं पीड़िता ने ये भी कहा कि उसके साथ कोई गलत काम नहीं हुआ. साथ ही यहां तक कह दिया कि, मजिस्ट्रेट के समक्ष हुए कलमबंद बयान (धारा 164) उसने पुलिस और घर के दबाव में दिए थे. उसके साथ कोई घटना नहीं हुई. वहीं इस पूरे मामले को लेकर पीड़िता के भाई और मां जो कि इस घटना के चश्मदीद गवाह थे, ने कहा कि घटना हुई थी. इस पर कोर्ट ने पीड़िता के नाबालिग होने और उसके बदले गए बयान के साथ ही गवाहों के बयान व अभियोजन की ओर से प्रस्तुत तथ्यों को मजबूत देखते हुए आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाया और उसे कड़ी सजा दी.
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